
जींद, 2 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा गुरूवार को अपने स्थापना के शताब्दी वर्ष पर विजयदशमी के पावन अवसर पर स्थापना दिवस मनाया, जिसमें हर आयु वर्ग के स्वयंसेवकों ने भाग लिया। स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए रूद्राक्ष ने कहा कि विजयदशमी का उत्सव बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। वैसे तो देशभर में लगभग दो हजार के आसपास उत्सव मनाए जाते हैं लेकिन संघ के दोबारा इनमें से छह उत्सव को चुना गया है। जिनमें से आज विजयदशमी का उत्सव मनाया जा रहा है। इसी दिन 1925 को नागपुर में संघ की स्थापना हुई थी। संघ की स्थापना को सौ वर्ष पूरे हो चुके हैं।
आरएसएस के शताब्दी वर्ष में कदम रखने के कारण यह साल महत्वपूर्ण है। इसलिए हमें और ज्यादा उत्साह व सक्रियता के साथ कार्य में लगना चाहिए। हमें देश विरोधी ताकतों से सर्तक रहने की आवश्यकता है। प्रत्येक स्वयंसेवक को संघ के राष्ट्र धर्म प्रथम के सिद्धांत का अनुसरण करना चाहिए। समाज हित में संगठन की शक्ति का संचयन करते हुए सामाजिक समरसता एवम विनम्रता का विशेष ध्यान रखना होगा। उन्होंने बताया कि भगवान श्री राम की तरह हमें भी अपने जीवन में आदर्श चरित्र एवं अच्छा आचरण करते हुए समाज को संगठित करते हुए बुराई पर अच्छाई की विजय प्राप्त करनी है।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा
