
हरिद्वार, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के जंतु एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग के सभागार में सतर्कता हमारी साझा जिम्मेदारी विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कई विद्वान वक्ताओं ने भाग लिया और सतर्कता के सामाजिक, प्रशासनिक एवं नैतिक पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किए।
मुख्य वक्ता अधिवक्ता शशि मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि सतर्कता एक शब्द नहीं है, बल्कि यह ईमानदारी, निष्ठा और उत्तरदायित्व का प्रतीक है। सतर्कता हमें सिखाती है कि हम अपने कार्य और विचार और व्यवहार में सच्चाई और प्रदर्शित बनाएं, एक सतर्क व्यक्ति न केवल स्वयं गलतियों से बचता है बल्कि अपने आस पास के लोगों को भी सही दिशा में प्रेरित करता है। उन्होंने सतर्कता संबंधी कानूनों के अनुच्छेद, धाराएं और नियमों पर व्याख्यान दिया।
मुख्य अतिथि शाकुम्भरी विश्वविद्यालय, सहारनपुर के पूर्व कुलपति प्रो. एचएस सिंह ने कहा कि अमेरिका में शीर्ष पदों पर 33 प्रतिशत भारतीय युवा कार्यरत हैं, जो विश्व के सबसे शक्तिशाली देश को दिशा दे रहे हैं। वहीं भारत की 65 प्रतिशत युवा आबादी हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। यदि यह युवा वर्ग नैतिकता, सतर्कता और कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करे तो भारत विश्व गुरु बनने की दिशा में अग्रसर हो सकता है।
सतर्कता जागरूकता अभियान पारदर्शिता और जनसहभागिता को बढ़ाने का माध्यम है। इस तरह के अभियान समाज में ईमानदारी और उत्तरदायित्व की भावना को प्रबल करते हैं। कार्यशाला की अध्यक्षता कुलपति प्रो. हेमलता कृष्णमूर्ति ने की। उन्होंने कहा कि सतर्कता का पहला कदम जागरूकता है। प्रत्येक व्यक्ति को समग्र रूप से सोचते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। एक उत्तरदायी नागरिक और कर्मचारी के रूप में सी.सी. रूल्स एवं प्रशासनिक नियमों का ज्ञान अत्यंत आवश्यक है।
कुलसचिव प्रो विपुल शर्मा ने कहा कि देशभर में सतर्कता जागरूकता के तहत सरकार ने यह नारा दिया है कि सतर्क भारत समृद्ध भारत। यह नारा याद दिलाता है कि जब हम सभी सतर्क रहेंगे तो हमारा देश अधिक मजबूत और समृद्ध बनेगा।
कार्यक्रम में लॉ ऑफिसर एम्स, ऋषिकेश के प्रदीप चन्द्र पाण्डेय, प्रो नमिता जोशी, प्रो एल पी पुरोहित, प्रो मुकेश कुमार, डॉ भारत वेदालंकार, वीरेंदर पटवाल, वेद प्रकाश थापा, नारायण नेगी, अजय, डॉ कपिल गोयल, डॉ. सचिन पाठक, अमित धीमान, प्रवीण कुमार, डॉ. संदीप कुमार, जीवन वरियाल, डॉ. नितिन कम्बोज सहित विभिन्न विभागों के प्राध्यापक, कर्मचारी, शोधार्थी एवं छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला