
झांसी, 20 अगस्त (Udaipur Kiran) । ललित कला संस्थान बुन्देलखण्ड विश्व विद्यालय झांसी में बुन्देलखण्ड विश्व विद्यालय के 50 वर्ष पूर्ण होने एवं दीक्षांत समारोह की श्रृंखला में आयोजित सात दिवसीय लोककला पर्व कार्यशाला में चित्रित लोक चित्रों का अवलोकन करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में पधारे प्रो.मुकेश पाण्डेय ने संस्थान के विद्यार्थियों की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि लोककला के माध्यम से विधार्थी स्वरोजगार कर अपना नाम कला जगत में अर्जित कर सकते हैं।
अपने वक्तव्य में कुलपति प्रो.मुकेश पाण्डेय ने कहा कि प्रत्येक चित्र बनाने में बच्चों ने अपनी श्रेष्ठता साबित की। ये चित्र इनका मार्ग प्रशस्त करेगा। इन चित्रों को आगामी दीक्षांत समारोह की कला दीर्घा में कुलाधिपति के अवलोकन हेतु प्रस्तुत किया जाएगा। इस अवसर पर प्रो.सौरभ अवस्थी,संपत्ति अधिकारी ने भी अपने वक्तव्य में कहा कि ललित कला संस्थान की विश्वविद्यालय में अहम भूमिका रहती है यहाँ के विद्यार्थियों द्वारा बनाये गए चित्र देश के विभिन्न कला दीर्घाओं में बुन्देलखण्ड का नाम गौरवान्वित कर रहे हैं। विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे सुनील कुमार सेन उप कुलसचिव(वित्त/गोपनीय) ने भी अपने उद्गार में कहा कि विश्वविद्यालय में जितनी भी कला देखने का अवसर मिलता है वह ललित कला संस्थान के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की मेहनत के फल स्वरुप दिखाई पड़ता है। इस अवसर पर उन्होंने भारत की विलुप्त होती लोक कलाओं का भी जिक्र करते हुए कहा कि इन विषयों पर भी चित्रों का निर्माण किया जाए तो और अधिक भव्यता प्रदान की जा सकती है। उन्होंने बच्चों की कला को प्रोत्साहन देते हुए उन्हें बताया कि पहले किताबों में चित्र कम बने होते थे। कथा के माध्यम से कहानी को पढ़कर समझा जाता था परंतु वर्तमान तकनीक के चलते चित्र एवं कथा उपलब्ध होने लगी है। इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक/समन्वयक डॉ. श्वेता पाण्डेय ने बताया कि ललित कला संस्थान के विद्यार्थियों ने बड़ी तन्मय एवं लगन के साथ इन चित्रों का निर्माण किया है यह इनकी तपस्या का परिणाम है जो आज हर चित्र अपनी लोक कला के माध्यम से मुखर आया है चाहे वह वर्ली, मधुबनी, कलमकारी, बुंदेली,राजस्थानी, गुजराती शैली में हो सभी का अपना महत्व है एवं पहचान है इस प्रकार के आयोजनों से विद्यार्थियों को नई-नई जानकारी प्राप्त होती है। इस अवसर पर डॉ.कौशल त्रिपाठी, गोविंद यादव, डॉ.अजय कुमार गुप्ता, डॉ. दिलीप कुमार, डॉ. बृजेश कुमार, डॉ. संतोष कुमार,डॉ. रानी शर्मा, डॉ. अंकिता शर्मा,गजेंद्र सिंह, रेखा आर्य सहित संस्थान के विद्यार्थी और कर्मचारी उपस्थित रहे इस अवसर पर कुलपति द्वारा सभी आचार्य गणों को उल्लेखनीय कार्य के लिए सम्मान पत्र प्रदान किया गया।
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(Udaipur Kiran) / महेश पटैरिया
