
सरकारी कर्मचारी को बचाने के लिए निर्दोष युवक को किया पुलिस ने गिरफ्तार
हिसार, 28 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । बरवाला क्षेत्र के गांव हसनगढ़ में वाल्मीकि समुदाय
के युवक आनंद पर हुए जानलेवा हमले के आरोपी गांव हसनगढ़ के सात युवकों की एक महीने
से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी गिरफ्तारी नहीं होने पर पीडि़त परिजन कांग्रेस नेता
छांगेराम वाल्मीकि के नेतृत्व में आईजी से मिले और सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग
की।
आनंद के भाई विजय ने मंगलवार काे बताया कि एफआईआर में सात लोगों के नाम दिए गए हैं जबकि
उसमें केवल दो युवकों को गिरफ्तार किया गया है। उसके भाई को मौत के मुंह तक पहुंचाने
के पांच आरोपी अभी भी खुले घूम रहे हैं। विजय ने बताया कि मामूली सी कहासुनी को लेकर
19 अक्टूबर को उक्त 7 आरोपियों ने गांव हसनगढ़ में उसके भाई के सिर पर गंडासे से वार
किया और उसके हाथ-पैर तोड़ दिए और वह अभी भी बिस्तर में है और चलने-फिरने की हालत में
नहीं है। विजय ने बताया कि एफआईआर में जिन सात आरोपियों के नाम हैं उसमें से दो को
गिरफ्तार कर लिया है। बाकी के सात आरोपियों में एक आरोपी कासिम बिजली विभाग में सरकारी
नौकरी पर है।
उसे बचाने और उसका नाम एफआईआर से निकालने के लिए पुलिस ने बेवजह एक निर्दोष
युवक विष्णु को गिरफ्तार किया है जबकि हमने एफआईआर में उसका नाम ही नहीं लिखवाया है। कांग्रेस नेता छांगेराम वाल्मीकि ने कहा कि इस मामले में पुलिस की कार्रवाई
संदिग्ध है जिस तीसरे युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है उसका इस मामले से कोई लेना-देना
है। यह केवल पुलिस द्वारा मिलीभगत करके सरकारी नौकरी पर तैनात आरोपी को बचाने के लिए
बेगुनाह को फंसाया जा रहा है।
एफआईआर में विष्णु का कोई जिक्र नहीं है और न ही उसका
नाम लिखवाया गया है। छांगेराम वाल्मीकि ने आईजी से अपील की कि इस मामले की निष्पक्ष
जांच करवाएं और एफआईआर में जिन सात आरोपियों के नाम दर्ज हैं उन्हें तुरंत गिरफ्तार
कर परिवार को न्याय दिया जाए। इसके साथ ही गिरफ्तार किए गए निर्दोष युवक विष्णु को
छोड़ा जाए। आईजी ने परिवार से पांच दिन में जांच करवाकर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया
है।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर