
नई दिल्ली, 20 जून (Udaipur Kiran) । उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में राज्यसभा इंटर्नशिप कार्यक्रम के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए 25 जून 1975 को लगे आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन बताया। उन्होंने कहा कि यह दिन अब संविधान हत्या दिवस के रूप में याद किया जाना चाहिए, जिससे भावी पीढ़ी लोकतांत्रिक मूल्यों की अहमियत समझ सके।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि 1975 में 25 जून की मध्य रात्रि को तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर देश में आपातकाल की घोषणा की थी। यह संविधान का स्पष्ट उल्लंघन था क्योंकि राष्ट्रपति केवल प्रधानमंत्री के नहीं, बल्कि मंत्रिपरिषद के परामर्श से निर्णय लेते हैं।
धनखड़ ने बताया कि आपातकाल के दौरान एक लाख से अधिक नागरिकों को कुछ घंटों में गिरफ्तार कर जेलों में डाल दिया गया था। इनमें कई ऐसे लोग थे, जो आगे चलकर देश के प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, वैज्ञानिक और प्रशासनिक अधिकारी बने।
उपराष्ट्रपति ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नौ उच्च न्यायालयों के फैसले को पलटने की आलोचना करते हुए कहा कि यह भारतीय न्यायपालिका के इतिहास का सबसे काला निर्णय था। इस निर्णय ने तानाशाही, अधिनायकवाद और निरंकुशता को वैधता दी। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि कैसे उस समय प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला हुआ और कई प्रतिष्ठित अखबारों को खाली संपादकीय पेज प्रकाशित करने पड़े।
उपराष्ट्रपति ने बताया कि वर्तमान सरकार ने 11 जुलाई 2024 को आधिकारिक अधिसूचना जारी कर 25 जून को संविधान हत्या दिवस घोषित किया है। यह फैसला भारत के गणराज्य बनने के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में लिया गया, ताकि जनता को लोकतंत्र की कीमत का एहसास कराया जा सके। धनखड़ ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां हर व्यक्ति को अपने धर्म के पालन का अधिकार है, लेकिन धर्मांतरण के लिए लालच देना या प्रलोभन देना हमारी सभ्यता के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि ऐसा किया गया तो हमारी नींव हिल सकती है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर उपराष्ट्रपति ने योग के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि योग केवल एक दिन के लिए नहीं है, यह हर दिन के हर क्षण के लिए है। योग आपको हर दुख से राहत देगा, हर पाप से शुद्ध करेगा। धनखड़ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग दिवस का प्रस्ताव रखने और केवल 75 दिनों में 177 देशों द्वारा प्रस्ताव को पारित किए जाने की प्रशंसा की। उन्होंने युवाओं से योग को अपने जीवन में अपनाने की अपील की, यह कहते हुए कि यह तन और मन दोनों को स्वस्थ रखता है। कार्यक्रम में राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी, अपर सचिव डॉ. केएस सोमशेखर सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार
