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उपराष्ट्रपति ने सीएजी की सराहना करके ‘जनता के खजाने का संरक्षक’ बताया

सीएजी से जुड़े कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति

नई दिल्ली, 16 नवंबर (Udaipur Kiran) । उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन रविवार को नई दिल्ली में लेखापरीक्षा दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना करते हुए इस संस्था को ‘जनता के खजाने का संरक्षक’ बताया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि लेखापरीक्षा में निष्पक्षता और सत्यनिष्ठा को बनाए रखते हुए सीएजी जवाबदेही, पारदर्शिता और सत्यनिष्ठा के एक स्तंभ के रूप में खड़ा है – जो भारत की नैतिक संपदा है।

राधाकृष्णन ने केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों के लिए ‘एक राष्ट्र, एक वस्तु व्यय शीर्ष’ अधिसूचित करने के लिए सीएजी की भी सराहना की। यह एक ऐसा सुधार है जो सरकारी व्यय की पारदर्शिता और तुलनात्मकता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा। उपराष्ट्रपति ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) और कई अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के लिए बाह्य लेखा परीक्षक के रूप में अपनी भूमिका के माध्यम से सीएजी की वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ी है।

उन्होंने आगे बताया कि सीएजी वर्तमान में एशियाई सर्वोच्च लेखा परीक्षा संस्थानों के संगठन (एएसओएसएआई) की अध्यक्षता कर रहे हैं, जो भारत के अनुयायी से वैश्विक नेता बनने तक की यात्रा का प्रमाण है। जैसे-जैसे भारत विकसित भारत @ 2047 के विजन की ओर बढ़ रहा है, उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रभावी शासन के लिए राजकोषीय अनुशासन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में सीएजी एक प्रमुख भागीदार बना रहेगा।उन्होंने अधिकारियों से सार्वजनिक व्यय में पारदर्शिता बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने के लिए अपने कौशल और लेखा परीक्षा क्षमताओं को निरंतर उन्नत करने का आग्रह किया कि जनता के धन का उपयोग जन कल्याण के लिए किया जाए।

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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा