
–कोर्ट ने कहा, बदले की भावना से अनुशासनात्मक कार्रवाई सही नहीं
प्रयागराज, 16 सितम्बर (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा द्वारा स्टाफ ऑफिसर मीना सिंह की सेवा समाप्ति आदेश को रद्द कर दिया है और सेवा में बहाल करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान की एकल पीठ ने मीना सिंह की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।
ग्रेटर नोएडा के गौतम बुद्ध विश्व विश्वविद्यालय में मीना सिंह को 8 जुलाई 2010 को संविदा के आधार पर निजी सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। उनकी सेवाएं 13 अप्रैल 2018 को नियमित की गई और 18 सितम्बर 2018 को उन्हें वाइस चांसलर के स्टाफ ऑफिसर के रूप में पदोन्नत किया गया। 18 अगस्त 2020 को उन्हें कथित अनियमितताओं के आरोप में निलंबित कर दिया गया। आरोप उनकी नियुक्ति और पदोन्नति से जुड़े थे। इस बीच मीना सिंह ने तत्कालीन रजिस्ट्रार पर दुर्व्यवहार और यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई।
याची अधिवक्ता का कहना था कि अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रतिशोध की भावना से की गई। उनकी सेवाएं 14 दिसम्बर 2024 को तीसरी बार समाप्त कर दी गईं। इससे पहले के दो सेवा समाप्ति आदेश भी हाईकोर्ट द्वारा रद्द किए जा चुके थे।
कोर्ट ने कहा कि विश्वविद्यालय ने पूर्व आदेशों का पालन नहीं किया और सिर्फ दंडित करने के उद्देश्य से नई जांच कराई। कोर्ट ने कहा कि दुर्भावना से की गई प्रशासनिक या अनुशासनात्मक कार्रवाई कानूनी रूप से गलत है।
पीठ ने 14 दिसम्बर 2024 के सेवा समाप्ति आदेश को निरस्त करते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव को निर्देश दिया कि मीना सिंह को स्टाफ ऑफिसर के पद पर कार्य करने दिया जाए।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
