
नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने लिंगायत आध्यात्मिक गुरु अदृश्य काडसिद्धेश्वर के विजयपुरा में प्रवेश पर प्रतिबंध के कर्नाटक सरकार के निर्णय की कड़ी निंदा की है। परिषद ने राज्य सरकार से तत्काल इस आदेश को वापस लेने की मांग की है।
विहिप के केंद्रीय महामंत्री बजरंग बागड़ा ने शनिवार को यहां एक बयान में कहा कि महाराष्ट्र के कनेरी स्थित लगभग 1300 वर्ष प्राचीन काडसिद्धेश्वर मठ वीरशैव लिंगायत समुदाय की श्रद्धा और आस्था का केंद्र है। राज्य सरकार ने इस मठ के पूजनीय हिंदू लिंगायत मठाधीश अदृश्य काडसिद्धेश्वर महाराज के कर्नाटक के कई जिलों में कहीं आने-जाने को बाधित किया है और उनके प्रवास पर जिला बंदी नाम से रोक लगा दी है।
बजरंग बागड़ा ने कहा कि अदृश्य काडसिद्धेश्वर कर्नाटक में अपने स्वयं के मठों में कर्नाटक में जाने से रोके जा रहे हैं। यह हिंदू समाज के धार्मिक मामलों में राज्य सरकार का अनुचित और अस्वीकार्य हस्तक्षेप है। साथ ही पूरे वीरशैव लिंगायत समुदाय का अपमान भी है।
विश्व हिंदू परिषद यह मांग करती है कि राज्य सरकार तत्काल जिला बंदी के इस आदेश को वापस ले और ना तो हिंदू समाज के धार्मिक मामलों में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप करे और ना ही हिंदू संतों के प्रवास पर किसी प्रकार की रोकटोक लगाए।
उल्लेखनीय है कि अदृश्य काडसिद्धेश्वर स्वामी महाराष्ट्र के कोल्हापुर स्थित काडसिद्धेश्वर मठ (कनेरी मठ) के महंत हैं और एक प्रतिष्ठित लिंगायत आध्यात्मिक गुरु हैं। लगभग 1300 वर्ष प्राचीन काडसिद्धेश्वर मठ वीरशैव लिंगायत समुदाय की श्रद्धा और आस्था का केंद्र है। विजयपुरा जिला प्रशासन ने धर्मांतरण और सामाजिक मुद्दों पर स्वामी की कथित भड़काऊ टिप्पणियों से कानून-व्यवस्था को खतरे का हवाला देते हुए दो महीने के लिए प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार इसे निवारक कदम बताकर बचाव कर रही है, जबकि भाजपा इसे हिंदू आवाजों का दमन बता रही है।
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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार
