
कानपुर, 19 जून (Udaipur Kiran) । जनपद में रह रहे संदिग्ध रोहिंग्याओं के बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है। पुलिस की ओर से चलाए जा रहे विशेष अभियान में अब तक बस्तियों में करीब 900 ऐसे लोग रहते मिले हैं। जो असम, झारखंड, बंगाल समेत प्रदेशों के हैं लेकिन इनमें से करीब 300 आधार समेत दस्तावेज (आइडी) संदिग्ध दिखी। उन आइडी को संबंधित जिलों के अधिकारी को जांच के लिए भेजी है। इसमें असम के बारपेटा के ही करीब 196 आधार कार्ड शामिल हैं। यह बातें गुरुवार को डीसीपी क्राइम एसएम कासिम आबिदी ने कही।
यह सघन तलाशी अभियान अप्रैल माह से चलाया जा रहा है। शासन के आदेश के बाद पुलिस ने थानावार जांच शुरू की थी। इसके तहत संबंधित थानों और स्थानीय इंटेलिजेंस यूनिट (एलआईयू) की संयुक्त टीमों का गठन कर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में छानबीन की गई। डीसीपी क्राइम एसएम कासिम आबिदी की टीम भी इस ऑपरेशन में सक्रिय भूमिका निभा रही है। सर्च ऑपरेशन के दौरान शहर के 14 अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी हुई, जहां कई ऐसे लोग सामने आए जो ठीक से हिंदी भी नहीं बोल पा रहे थे। पुलिस की पूछताछ में जब उनसे आधार कार्ड में पता न बदलवाने का कारण पूछा गया, तो वे संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके।
फिलहाल संदिग्धों के पते का वेरिफिकेशन संबंधित राज्यों की पुलिस के माध्यम से कराया जा रहा है। इसके लिए असम, झारखंड और पश्चिम बंगाल की पुलिस को पत्र भेजे गए हैं। वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद ही इनकी नागरिकता और कानूनी स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। फिलहाल कानूनी प्रक्रिया पूरी होने तक इन संदिग्धों को डिटेंशन में नहीं लिया जा सकता लेकिन पुलिस की कड़ी निगरानी इन पर जारी है। इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर से अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाले रोहिंग्याओं और उनकी पहचान के संकट को उजागर कर दिया है। प्रशासन अब और कड़े कदम उठाने की तैयारी में है।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
