Jammu & Kashmir

वीर चक्र मोहनलाल और चुनीलाल के नाम पर सड़क, स्कूल या सार्वजनिक इमारत नहीं होने पर जताया अफ़सोस

वीर चक्र मोहनलाल और चुनीलाल के नाम पर सड़क, स्कूल या सार्वजनिक इमारत नहीं होने पर जताया अफ़सोस

जम्मू, 20 जुलाई (Udaipur Kiran) । जम्मू में एक बैठक के दौरान बड़ी संख्या में सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने इस बात पर अफसोस जताया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर सरकार ने अब तक वीर चक्र से सम्मानित लांस नायक मोहन लाल लखोत्रा और शहीद हवलदार चुनी लाल संधू के नाम पर कोई सड़क, स्कूल या सार्वजनिक इमारत नहीं रखी है। कार्यकर्ताओं ने कहा कि सरकार ने कई स्कूलों, कॉलेजों और पुलों को उन वीर सपूतों के नाम पर समर्पित किया है जिन्होंने देश की एकता, अखंडता और शांति की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए। लेकिन मोहन लाल और चुनी लाल जैसे बहादुरों को अब तक वह सम्मान नहीं मिला, जिसके वे असली हकदार हैं।

भाजपा नेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता आर.एल. कैथ ने जानकारी देते हुए बताया कि 7 दिसंबर 1971 की रात को लांस नायक मोहन लाल ने अपनी मीडियम मशीन गन से दुश्मनों पर जमकर जवाबी फायरिंग की और दुश्मन की टुकड़ी को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। अगली सुबह उनका पार्थिव शरीर उनके पोस्ट पर पाया गया, लेकिन उनके सामने दुश्मन के 19 जवानों के शव पड़े थे, जिसमें एक कंपनी कमांडर भी शामिल था। उनकी इस वीरता के लिए उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र से नवाज़ा गया।

हवलदार चुनी लाल संधू, जो पुलवामा में 2007 के आतंक विरोधी ऑपरेशन में शहीद हुए, को सेना मेडल (मरणोपरांत) और भारत सरकार के राजपत्र में सेना प्रमुख की ओर से प्रशंसा पत्र में उल्लेख मिला।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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