

-क्रूज़ लाइनर पर हाईजैक एवं धमाके की काल्पनिक स्थिति तैयार की गई
वाराणसी,14 नवम्बर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के वाराणसी में शुक्रवार को एनएसजी कमांडो और सुरक्षा एजेंसियों के साथ वाराणसी पुलिस ने संयुक्त रूप से रविदास घाट पर गंगा नदी में आतंकवादियों को मार गिराने का जीवंत प्रदर्शन किया। एनएसजी के अफसरों और पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल के नेतृत्व में संयुक्त मॉक ड्रिल में लक्जरी क्रूज हाईजैक कर धमाके की काल्पनिक स्थिति तैयार की गई। इसकी सूचना मिलने पर एनएसजी कमांडो ने तेज़ी से प्रतिक्रिया देते हुए क्रूज़ को हेलीकॉप्टर से चारों ओर से घेरा।
कमांडोज़ ने आतंकियों को निष्प्रभावी करने, यात्रियों की सुरक्षित निकासी तथा घायलों के बचाव और प्राथमिक उपचार की प्रक्रिया का प्रदर्शन किया। वास्तविक परिस्थितियों जैसा माहौल तैयार कर धुआँ, अलार्म और कम विज़िबिलिटी का उपयोग किया गया ताकि अभ्यास अधिक चुनौतीपूर्ण हो सके। अभ्यास के दौरान यह घोषणा की गई कि यह एक मॉक ड्रिल है, जिससे नागरिकों में किसी भी प्रकार की घबराहट न हो। पुलिस अफसरों ने घाट किनारे मौजूद नागरिकों से आग्रह किया कि सुरक्षा एजेंसियों के साथ सहयोग बनाए रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तत्काल पुलिस को प्रदान करें।
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि रविदास घाट पर संयुक्त रूप से सुरक्षा एजेंसियों ने मॉक ड्रिल की। इस अभ्यास में आतंकियों से निपटने, यात्रियों की सुरक्षा एवं आपात प्रतिक्रिया तंत्र की दक्षता का सफल प्रदर्शन किया गया। उन्होंने बताया कि “यह संयुक्त मॉक ड्रिल सभी सुरक्षा एजेंसियों के लिए वास्तविक परिस्थितियों में अपनी तैयारी जांचने का महत्वपूर्ण अवसर रहा। इस अभ्यास ने वाराणसी पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता, पेशेवर दक्षता और बहु-एजेंसी समन्वय को और अधिक मजबूत किया है”। यह अभ्यास वास्तविक आतंकवादी स्थितियों की तर्ज पर आयोजित किया गया ताकि सुरक्षा एजेंसियों की प्रतिक्रिया क्षमता का मूल्यांकन किया जा सके। इसका उद्देश्य क्रूज़ हाईजैक की संभावित स्थिति में आतंकियों से निपटने,यात्रियों व आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने,आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र की दक्षता का परीक्षण और सुदृढ़ीकरण करना रहा। इस अभ्यास में एनएसजी,कमिश्नरेट वाराणसी पुलिस,जल पुलिस,पीएसी,आपदा प्रबंधन टीम,अग्निशमन सेवा,अन्य स्थानीय सुरक्षा एवं समन्वय इकाइयां शामिल रही। अभ्यास के दौरान एजेंसियों के बीच आपसी समन्वय, संसाधनों के उपयोग, सूचना के त्वरित संप्रेषण तथा कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम की समीक्षा की गई। नदी क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था, भीड़ प्रबंधन, आपात संचार व बचाव तंत्र की प्रभावशीलता का व्यावहारिक परीक्षण किया गया।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी