Uttar Pradesh

वाराणसी: पूरे 15 दिन बाद स्वस्थ्य हुए भगवान जगन्नाथ,परवल के जूस का लगा भोग

भगवान जगन्नाथ का श्वेत फूल और वस्त्रों से श्रृंगार

पखवाड़े बाद मंदिर के पट खुलते ही दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु, गुरूवार को निकलेंगी डोली यात्रा

वाराणसी,25 जून (Udaipur Kiran) । एक पखवाड़े बाद प्रतीक रूप से बीमार नाथों के नाथ भगवान जगन्नाथ बुधवार को स्वस्थ हो गए। अस्सी स्थित भगवान जगन्नाथ के मंदिर में मंगला आरती के साथ विग्रह के समक्ष परवल के जूस का भोग लगाया गया। इसके बाद मंदिर का पट श्रद्धालुओं के लिए खुल दिए गए। पूरे 15 दिन बाद भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा, भाई बलभद्र के काष्ठ विग्रह का दर्शन पाकर श्रद्धालु आह्लादित हो गए।

मंदिर के पुजारी राधेश्याम पांडेय ने बताया कि आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र को सफेद परिधान पहना कर सफेद फूलों से आकर्षक श्रृंगार किया गया। इसके बाद सुबह नैवेद्य स्वरूप परवल के पथ्य (जूस) का भोग लगाया गया। मंगलाआरती के बाद प्रसाद स्वरूप भक्तों में परवल का जूस को वितरित किया गया। इसके बाद महाप्रसाद भोग लगाया गया। शाम को सप्तर्षि आरती के साथ भजनों की प्रस्तुति होगी। मंदिर में सुबह से ही मंदिर में भक्तों के दर्शन पूजन का सिलसिला जारी हैं। गुरुवार को भगवान जगन्नाथ अपने भाई बहन के साथ सैर पर निकलेंगे। अपरान्ह में मंदिर से भगवान की डोली यात्रा निकलेगी। भक्त बाबा जगन्नाथ को डोली में विराजित कराके बेनीराम के बगीचे में पहुंचेंगे। 27 जून को भोर में तीन बजे श्वेत शृंगार के बाद भगवान को रथारूढ़ कराया जाएगा। इसके बाद पहली आरती होगी और फिर रथ खींचकर रथयात्रा लाया जाएगा। इसी के साथ काशी की विश्व प्रसिद्ध तीन दिवसीय लक्खा रथयात्रा मेला शुरू होगा।

बताते चले कि ज्येष्ठ मास के पूर्णिमा तिथि पर भक्तों के प्रेम में अत्यधिक लगभग 14 घंटे तक स्नान (जलाभिषेक) से भगवान जगन्नाथ प्रतीक रूप से बीमार पड़ जाते हैं। उनके बीमार होने के बाद 15 दिन के लिए अस्सी स्थित जगन्नाथ मंदिर के पट आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया जाता है। भगवान जगन्नाथ 15 दिनों तक आराम और काढ़े का भोग पीकर स्वस्थ होते हैं। इसके बाद उन्हें परवल के जूस का भोग चढ़ता है। भक्तों के भाव रूपी इस स्नेह से भगवान स्वस्थ हो जाते है। इसके बाद जगन्नाथ मंदिर का पट खुलते ही दर्शन-पूजन के लिए अपार भक्त समूह उमड़ पड़ता है।

—————

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

Most Popular

To Top