Madhya Pradesh

वंदे मातरम् ने देश में आजादी का जगाया अलख : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के 150वें स्मरणोत्सव पर भोपाल के शौर्य स्मारक में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह
राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के 150वें स्मरणोत्सव पर भोपाल के शौर्य स्मारक में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह
राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के 150वें स्मरणोत्सव पर भोपाल के शौर्य स्मारक में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह

भोपाल, 07 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि वंदे मातरम् हर भारतीय की चेतना का स्वर है। यह सिर्फ राष्ट्रगीत नहीं, हमारा प्राण गीत भी है। वंदे मातरम वह उद्घोष है, जिसने पराधीन भारत की धमनियों में स्वाभिमान का रक्त प्रवाहित किया। वंदे मातरम् ने देश में आजादी का अलख जगाया। वर्ष 1875 में स्वतंत्रता सेनानी बंकिमचंद्र चटर्जी की कलम से अमर गीत वंदे मातरम् की रचना हुई। उनके उपन्यास आनंद मठ की इस रचना से क्रांति का शंखनाद हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कल्पनाशीलता से आज वंदे मातरम् के 150वें स्मरणोत्सव के विशेष आयोजन हो रहे हैं। विभिन्न जिलों में प्रदेशवासी भी स्मरणोत्सव में भाग लेकर मातृभूमि के प्रति देशभक्ति और कृतज्ञता की भावना को अभिव्यक्त कर रहे हैं।

वंदे मातरम् गीत की 120 साल प्राचीन दुर्लभ रिकॉर्डिंग प्रसारित की गई

मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के 150वें स्मरणोत्सव पर भोपाल के शौर्य स्मारक में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर पुनर्मुद्रित पुस्तिका वंदे मातरम्-एक क्रांति गीत का साहित्येतिहासिक अध्ययन का विमोचन किया। कार्यक्रम में पुलिस बैंड ने देशभक्ति गीत कदम-कदम बढ़ाए जा की धुन प्रस्तुत की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव भोपाल से वर्चुअली शामिल हुए। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के उद्बोधन का शौर्य स्मारक के राज्य स्तरीय कार्यक्रम से श्रवण किया। कार्यक्रम में वंदे मातरम् गीत की 120 साल प्राचीन दुर्लभ रिकॉर्डिंग प्रसारित की गई। इस अवसर पर हार्मनी ग्रुप के 150 कलाकारों ने वंदे मातरम् गीत के मूल स्वरूप के साथ ही तमिल, मलयालम तथा अन्य भारतीय भाषाओं में सांगीतिक प्रस्तुति दी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित जन समुदाय को स्वदेशी की शपथ दिलाई।

स्वतंत्रता सेनानी बंकिमचंद्र चटर्जी ने भारत को देवी त्रिमूर्ति के रूप में किया चित्रित

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हर देश का आजादी के संघर्ष का अपना इतिहास है। दुनिया के अधिकतर राष्ट्र गीत देशों के संघर्ष के समय पैदा हुए, चाहे फ्रांस हो या अमेरिका राष्ट्रगीतों की उत्पति कठिन समय में ही हुई। स्वतंत्रता सेनानी बंकिमचंद्र चटर्जी ने राष्ट्र गीत वंदे मातरम् में भारतीय संस्कृति के गौरवशाली अतीत को समाहित किया। इससे देशवासियों के मन में भारत माता के प्रति गर्व की अनुभूति और स्वयं की पहचान को अभिव्यक्त करने की क्षमता उत्पन्न हुई। वंदे मातरम् के शब्दों में भारत माता की तुलना तीन प्रमुख देवियों मां लक्ष्मी, मां सरस्वती और मां दुर्गा से की गई है। मां दुर्गा अन्याय और दासता के विनाश का प्रतीक है। माता लक्ष्मी भारत माता की समृद्धि और मां सरस्वती वैचारिक और आध्यात्मिक प्रकाश को प्रकट करती है। वंदे मातरम् में स्वतंत्रता सेनानी बंकिमचंद्र चटर्जी ने भारत को देवी त्रिमूर्ति के रूप में चित्रित किया। 19वीं सदी में लिखे गए इस गीत में भारत की सदियों पुरानी चेतना विद्यमान है।

मुख्यमंत्री ने किया भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद की शहादत का स्मरण

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने जब 1896 में पहली बार इस गीत को स्वर दिया, तो वंदे मातरम् केवल गीत नहीं रहा, वह राष्ट्र की पुकार बन गया। मुख्यमंत्री ने शहीद भगत सिंह, क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद के संघर्ष और शहादत का पुण्य स्मरण किया। उन्होंने कहा कि आजदी के साथ जब राष्ट्रगीत को अपनाने का समय आया तो देश को भ्रमित करने की कोशिश की गई। वंदे मातरम् के इतिहास को गहनता से जांचने की आवश्यकता है। स्वतंत्रता सेनानी और देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने कहा था कि हमें राष्ट्रगान के साथ राष्ट्रगीत वंदे मातरम् को भी महत्व देने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि आज 7 नवम्बर से आरंभ हुआ वंदे मातरम् का 150वां स्मरणोत्सव 7 नवम्बर 2026 तक पूरे प्रदेश में मनाया जाएगा। इसके अंतर्गत चार चरणों में कार्यक्रम होंगे।

शौर्य स्मारक पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग, पिछ़ड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राजयमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, भोपाल सांसद आलोक शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा, विधायक भगवान दास सबनानी, भोपाल महापौर मालती राय, मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार श्रीराम तिवारी, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना सहित जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी तथा बड़ी संख्या में युवक-युवतियां एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। भोपाल पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा ने आभार प्रदर्शन किया।

(Udaipur Kiran) तोमर