
जलपाईगुड़ी, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने वोटर सूची में नाम दर्ज कराने के लिए आधार कार्ड को 12वें वैध दस्तावेज के रूप में मान्यता दी है। इस फैसले का स्वागत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को किया था। बुधवार को जलपाईगुड़ी में आयोजित सरकारी कार्यक्रम से उन्होंने जिला प्रशासन को इसके संबंध में आवश्यक कदम उठाने का निर्देश भी दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं डीएम को कहूंगी कि जिनके पास आधार कार्ड नहीं है, उन्हें ‘दुआरे सरकार’ कार्यक्रम के माध्यम से आधार कार्ड बनवाने की व्यवस्था करें।”
ममता बनर्जी ने लोगों से अपील की कि वे लगातार यह जांचते रहें कि उनका नाम वोटर सूची में है या नहीं। उन्होंने कहा कि सिर्फ एक बार देखने से काम नहीं चलेगा। अगले छह-सात महीने नियमित तौर पर देखना होगा। अगर नाम नहीं रहा तो वे कहेंगे एनआरसी कराओ।
उधर, बिहार में वोटर सूची की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं। तृणमूल कांग्रेस भी इस मामले की पक्षकार थी और सांसद महुआ मोइत्रा ने भी व्यक्तिगत याचिका दाखिल की थी। लगभग सभी विपक्षी दलों ने आधार कार्ड को वैध दस्तावेज मानने की मांग की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी। इसके बाद चुनाव आयोग ने बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्देश भेजा।
इसी कार्यक्रम में ममता बनर्जी ने शिक्षक नियुक्ति विवाद पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश पर परीक्षा हो रही है। बाकी मामलों पर कानूनी विशेषज्ञ सलाह ले रहे हैं। जैसे ही पेचीदगियां खत्म होंगी, हम प्रक्रिया में साथ रहेंगे। इसके अलावा फिलहाल मैं और कुछ नहीं कह सकती।
मुख्यमंत्री ने बताया कि स्कूल सर्विस कमीशन 35 हजार पदों के लिए परीक्षा आयोजित कर रहा है और आगे 21 हजार और पदों पर नियुक्ति होगी। साथ ही उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जब भी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होती है, विपक्ष अदालत का दरवाजा खटखटाता है। मैं तो नौकरी देना चाहती हूं, लेकिन वे रोकना चाहते हैं। वोट में हारते हैं, इसलिए कोर्ट में जाते हैं।
ममता ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर रोज़ाना उनका अपमान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेरी जगह कोई और होता तो शर्म से इस्तीफा दे देता। लेकिन अगर मैं छोड़ दूं तो लुटेरे सब लूट ले जाएंगे। वे बंगाल को गुजरात बनाना चाहते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। बंगाल को कोई कंट्रोल नहीं कर सकता। बंगाल को बंगाल ही चलाएगा, दिल्ली नहीं।
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
