Maharashtra

खतरनाक आवास निवासियों से चर्चा कर ही रिक्त हो,टीएमसी आयुक्त

Dangerous house after discussing residents

मुंबई ,30 अगस्त (Udaipur Kiran) ।ठाणे नगर आयुक्त सौरभ राव ने निर्देश दिया है कि ठाणे नगर क्षेत्र की 37 अत्यधिक खतरनाक इमारतों को निवासियों से बातचीत के बाद ही तुरंत खाली कराया जाए।आज ठाणे महानगर पालिका में विरार में इमारत दुर्घटना के मद्देनजर, ठाणे नगर क्षेत्र की अत्यधिक खतरनाक इमारतों की फिर से समीक्षा की गई। शुक्रवार शाम को हुई इस समीक्षा बैठक में आयुक्त सौरभ राव ने स्पष्ट किया कि अत्यधिक खतरनाक इमारतों के निवासियों से लगातार संवाद करके उन्हें ऐसी इमारतों में रहने के खतरों से अवगत कराया जाए और जल्द से जल्द उन इमारतों को खाली कराया जाए। साथ ही, सहायक आयुक्तों को निर्देश दिया गया है कि वे निवासियों से उन खतरनाक इमारतों के बारे में संवाद करें जिन्हें तुरंत खाली करने और उनकी मरम्मत करने की आवश्यकता है।

ठाणे नगर निगम क्षेत्र में कुल 93 अत्यधिक खतरनाक इमारतें हैं, जिनमें से 56 इमारतों को खाली करा दिया गया है। शेष 37 इमारतों में कुल 191 परिवार रहते हैं। मंडल उपायुक्त और सहायक आयुक्त मानसून से पहले से ही निवासियों से संपर्क कर रहे हैं और उनसे इमारतें खाली करने का अनुरोध कर रहे हैं। नगर निगम इन इमारतों को खाली करके किसी को भी इनका कब्ज़ा नहीं सौंपेगा। निवासियों को इस बात में कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि ये इमारतें निवासियों के कब्जे में ही रहेंगी, आयुक्त राव ने यह भी स्पष्ट किया है।

मानसून से पहले अपने-अपने क्षेत्रों की सभी अत्यधिक खतरनाक और जोखिम भरी इमारतों पर आवश्यक सूचना पट्ट लगा दिए गए थे। वे पट्ट फिर से लगाए जाएँ। साथ ही, खतरनाक इमारतों द्वारा दिए जाने वाले संकेतों की जानकारी हर घर में पर्चे के माध्यम से दी जाए। निवासियों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाए और उस पर भी उन्हें यह जानकारी दी जाए। आयुक्त राव ने कहा कि निवासियों को यह भी सूचित किया जाए कि इमारत में किसी भी प्रकार का मरम्मत कार्य करने के लिए नगर निगम से अनुमति लेना आवश्यक है।

सभी मंडल उपायुक्त और सहायक आयुक्त अत्यधिक खतरनाक इमारतों में अभी भी रह रहे निवासियों के लगातार संपर्क में रहें। उनसे इमारतें खाली करने का अनुरोध किया जाए और उन्हें इमारत के कब्जे के बारे में आश्वस्त किया जाए। राव ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि उन्हें इस बात से अवगत कराया जाना चाहिए कि अत्यधिक खतरनाक इमारतों में रहना जानलेवा हो सकता है।

सी1 श्रेणी की अत्यधिक खतरनाक इमारतों को पूरी तरह से खाली कराना आवश्यक है। जबकि, सी2ए और बी श्रेणी की खतरनाक इमारतों की व्यापक मरम्मत की आवश्यकता है। मरम्मत अवधि के दौरान इन खतरनाक इमारतों में किसी को भी नहीं रहना चाहिए। यह जानकारी सभी माध्यमों से अधिक से अधिक नागरिकों तक पहुँचाई जानी चाहिए। आयुक्त राव ने यह भी निर्देश दिया कि संबंधित इमारतों पर ऐसे बोर्ड फिर से लगाए जाएँ।

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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा

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