–समूहों की 18.55 लाख से अधिक दीदियां लखपति दीदी की श्रेणी में पहुंची
लखनऊ, 29 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल मार्गदर्शन में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को स्वावलम्बी व आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इस दिशा में सरकार की ओर से अनेकानेक महत्वाकांक्षी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की आमदनी कम से कम एक लाख व इससे अधिक करने की दिशा में लखपति महिला योजना का संचालन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन तेजी से कर रहा है।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल मार्गदर्शन एवं निरंतर समीक्षा की जाती है। इसके फलस्वरूप उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने गत वर्ष में स्वयं सहायता समूह में जुड़ी 75 लाख स्वयं सहायता समूह की सदस्यों को ग्रामीण विकास मंत्रालय के लखपति दीदी एप पर आय के स्त्रोतों के सर्वे का कार्य पूर्ण किया गया। इस सर्वे कार्य में पूरे देश में उत्तर प्रदेश अग्रणी रहा।
महिलाओं की आय वृद्धि उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा बैंक ऋण, प्रशिक्षण, कौशल विकास एवं आजीविका सम्बंधित मूल्य वृद्धि इत्यादि द्वारा करवाया गया है। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा विभिन्न गतिविधियों जैसे-कृषि आजीविका, गैर कृषि आजीविका, टेक होम राशन प्लांट, बैंक सखी, विद्युत सखी आजीविका सखी, बकरी पालन, मुर्गी पालन, महिलाओं की मूल्य वृद्धि श्रृंखला (वैल्यू चेन डेवलपमेंट) की कंपनियों, जिनमें दुग्ध विकास से सम्बन्धित ब मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनियों महिलाओं की हस्तशिल्प कंपनियों एवं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, पंचायती राज, उद्यान विभाग, कृषि विभाग के साथ अभिसरण के माध्यम से कार्य करते हुये आजीविका के अवसर एवं स्रोत उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं की आय में सतत् वृद्धि करवाई जा रही है एवं त्वरित गति से लखपति महिला बनने की दिशा की ओर मिशन अग्रसर है।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार की लखपति महिला योजना के अंतर्गत पूरे देश में 3 करोड़ स्वयं सहायता समूह सदस्यों को वार्षिक पारिवारिक आय को एक लाख रुपये या अधिक करने का लक्ष्य है। उत्तर प्रदेश में स्वयं सहायता समूहों की 28.92 लाख सदस्यों को वित्तीय वर्ष 2026-27 तक लखपति महिला बनाने का लक्ष्य है।
तेजी से कार्य करने के लिए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य लगातार विभागीय अधिकारियों को दिशा निर्देश दिये। फलस्वरूप उत्तर प्रदेश में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा इसे अभियान के तौर पर लिया गया और समूहों की 1855943 दीदियां लखपति दीदी की श्रेणी मे पहुंच गयी हैं। इस योजना के क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्यों की श्रेणी मे पहुंच गया है। लखपति महिला कार्यक्रम के अंतर्गत विगत वर्ष में स्वयं सहायता समूह के 75 लाख स्वयं सहायता समूह सदस्यों के वार्षिक पारिवारिक आय का सर्वेक्षण करवाया गया था।
लखपति महिला के लक्ष्य की प्राप्ति को सुनिश्चित करने हेतु समन्वय समिति का गठन किया गया, जिससे अंतर्विभागीय अभिसरण सुनिश्चित किया गया। यह समन्वय समिति केंद्र, राज्य, जनपद एवं विकासखंड स्तर पर गठित की गई है। प्रदेश मे लक्ष्य पूर्ति के लिए 34269 से अधिक लखपति कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन (सीआरपी) को प्रशिक्षण दिया गया। इन सीआरपी दीदियों द्वारा प्रत्येक लखपति महिला के सापेक्ष आजीविका रजिस्टर बनाने का कार्य किया गया।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार मिशन अंतर्गत प्रदेश में रेशम विभाग, कृषि विभाग, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस), पंचायती राज, राजस्व विभाग (आपदा प्रबन्धन) सूक्ष्म लघु एवं मध्यम (एमएसएमई), पशु पालन, मनरेगा, सहकारिता, डेरी, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, मत्स्य, पर्यटन भूमि संरक्षण, परिवहन, पावर कारपोरेशन, वयावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास, खादी ग्रामोद्योग आदि विभागों के साथ अभिसरण द्वारा वृहद् रूप से महिलाओं को जोड़ते हुए आजीविका संबर्धन द्वारा महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने की दिशा में कार्यवाही प्रचलित है।
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(Udaipur Kiran) / मोहित वर्मा