Uttar Pradesh

नारी सम्मान और आत्मनिर्भरता की दिशा में उत्तर प्रदेश लिख रहा नया अध्याय

महिला सुरक्षा, स्वावलंबन और सम्मान पर केंद्रित योजनाओं से सशक्त हुआ समाज

लखनऊ, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत प्रदेश की 1.86 करोड़ पात्र महिलाओं के खाते में 1500 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान करने के अलावा योगी सरकार आधी आबादी के सशक्तीकरण को मिशन के रूप में आगे बढ़ा रही है।

उत्तर प्रदेश में नारी सम्मान को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए बीते वर्षों में अनेक योजनाएं लागू की गई हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर, सुरक्षित और सामाजिक रूप से सशक्त बनाना है। लगातार चल रहे इन प्रयासों ने न केवल महिलाओं के जीवन स्तर को ऊंचा किया है, बल्कि समाज में सम्मान, आत्मविश्वास और समानता की भावना को भी मजबूत किया है। उत्तर प्रदेश आज नारी सशक्तीकरण के क्षेत्र में एक नई मिसाल पेश कर रहा है।

लाभार्थी महिलाओं ने सीएम योगी का जताया आभार

नि:शुल्क सिलेंडर प्राप्त करने वाली लाभार्थी महिलाओं ने लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दीपावली के इस उपहार के लिए धन्यवाद दिया और महिलाओं की समृद्धि और उनके सशक्तीकरण के लिए लगातार काम करने को लेकर आभार जताया।

लाभार्थी लीलावती ने कहा कि इस नि:शुल्क सिलेंडर के लिए मुख्यमंत्री का हार्दिक धन्यवाद करते हैं। यह दीपावली के पावन अवसर पर हमारे लिए अमूल्य उपहार है। वहीं, लखनऊ की निशा चौहान ने कहा कि इस सब्सिडी का लाभ प्रदान करने के लिए हम मुख्यमंत्री का आभार प्रकट करते हैं। पहले हम चूल्हे में खाना बनाते थे, जिसके चलते हमें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए इस उपहार से हमें बहुत लाभ मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का इस उपहार के लिए धन्यवाद करते हैं।

इन सरकारी योजनाओं का पात्रों को मिल रहा लाभ

कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत अब तक 26 लाख 34 हजार बेटियों को आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। यह योजना बालिकाओं की शिक्षा, पोषण और भविष्य की सुरक्षा के लिए एक मजबूत आधार साबित हुई है।

महिलाओं को संपत्ति का स्वामित्व दिलाने के लिए घरौनी योजना चलाई गई है, जिसके तहत 1 करोड़ 10 लाख महिलाओं को गृहस्वामित्व प्रमाणपत्र प्राप्त हुए हैं। इस योजना ने ग्रामीण महिलाओं को अधिकार और आत्मसम्मान दोनों प्रदान किए हैं।

आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिए प्रदेश में 10 लाख स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) गठित किए गए हैं, जिनसे 1 करोड़ महिलाएं जुड़ी हैं। इन समूहों को समय-समय पर रिवॉल्विंग फंड के माध्यम से सहयोग प्रदान किया जा रहा है, जिससे महिलाएं स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन कर रही हैं।

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के माध्यम से 4 लाख 67 हजार से अधिक महिलाओं का विवाह संपन्न कराया गया है। प्रत्येक विवाह पर ₹1 लाख की आर्थिक सहायता ने गरीब परिवारों के आर्थिक बोझ को कम किया है।

महिलाओं की दैनिक कठिनाइयों को दूर करने के लिए जल जीवन मिशन के तहत 2 करोड़ 41 लाख घरों में नल से जल उपलब्ध कराया गया है। इससे विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को राहत मिली है, जिन्हें पहले पानी लाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी।

महिला स्वामित्व को प्रोत्साहित करने के लिए 1 करोड़ रुपये तक की संपत्ति खरीद पर महिलाओं को 1% स्टाम्प शुल्क की छूट दी गई है। सरकारी सेवाओं में 20% आरक्षण के प्रावधान से अब तक 1 लाख 75 हजार महिलाओं को रोजगार मिला है, जिनमें से 44,177 महिलाओं की भर्ती पुलिस विभाग में हुई है।

नारी सुरक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है। अपराधियों को सजा दिलाने में प्रदेश देश में अग्रणी है। कई मामलों में रिपोर्ट दर्ज होने से लेकर सजा तक का समय सिर्फ 40 दिन रहा है। निराश्रित महिलाओं को 1,000 रुपये मासिक भत्ता देने की व्यवस्था से 36 लाख 75 हजार महिलाएं लाभान्वित हुई हैं।

इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना से 2 लाख महिलाएं और बीसी सखी योजना के तहत 39 हजार महिलाएं ग्रामीण वित्तीय व्यवस्था का अभिन्न हिस्सा बनी हैं।

(Udaipur Kiran) / मोहित वर्मा

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