

प्रयागराज,10 जुलाई (Udaipur Kiran) । छात्र—छात्राओं को जो भी ज्ञान दिया गया है, उसका अधिक से अधिक उपयोग कर पाए, इसके लिए ब्लूम्स टेक्सोनोमी का अनुसरण करना चाहिए। यह बात गुरुवार को नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय के शोध केंद्र में चल रहे सात दिवसीय फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. रोहित रमेश ने कहा।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में छात्र जो भी सीखे और पढ़ें उसका अपने जीवन में अधिक से अधिक प्रयोग करें। इसके लिए ब्लूम्स टेक्सोनोमी का अनुसरण करना चाहिए।
इस मौके पर प्रतिकुलपति डॉ. एस.सी. तिवारी ने अपने उद्बोधन में शिक्षण के चार क्वाडरैंट की चर्चा की। कहा की भारत में गुरुकुल शिक्षण पद्धति में इसका उपयोग किया जाता था। भारतीय ज्ञान परंपरा को विस्तार से बताया।
कार्यक्रम के समापन सत्र में सभी अध्यापकों ने अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम के समन्वयक व आईक्यूएसी निदेशक डॉ. हिमांशु टंडन ने एफडीपी की उपयोगिता बताते हुए इसे और विस्तार देने की बात कही। संचालन डॉ. श्रवण मिश्रा ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकगण एवं अधिकारी माैजूद रहे।
—————
(Udaipur Kiran) / रामबहादुर पाल
