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यूपीएल टेंडर मामला : हाई कोर्ट ने बीसीसीआई और सीएयू से मांगा जवाब

नैनीताल, 04 सितंबर (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड क्रिकेट प्रीमियर लीग (यूपीएल) का ठेका बिना उसे सावर्जनिक किये एक ही कम्पनी के मालिक को दिये जाने के मामले पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश जी नरेन्द्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई), उत्तराखंड क्रिकेट संघ (सीएयू) और उसके पदाधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

मामले में बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष सुरेंद्र भंडारी ने याचिका दायर कर कहा था कि उत्तराखंड क्रिकेट संघ का गठन 2006 में हुआ था और 2019 में इसे बीसीसीआई से मान्यता मिली। याचिका में कहा था कि उसके बाद से बीसीसीआई ही इसके संचालन के लिए धनराशि देता है और अब तक बीसीसीआई 22 करोड़ से अधिक फंड उत्तराखंड क्रिकेट संघ को दे चुका है, लेकिन खिलाड़ियों की सुविधाओं व खेल में इस राशि का उपयोग किया गया। आरोप लगाया गया कि बोर्ड के सदस्यों ने इस राशि का दुरूपयोग किया। पौष्टिक आहार के नाम पर केवल केले दिए गये। इसके बाद अब उत्तराखण्ड क्रिकेट प्रीमियर लीग का ठेका भी नियम विरुद्ध तरीके से एक ही कंपनी के मालिक को दे दिया गया। कहा कि नियम के अनुसार एक व्यक्ति एक ही टेंडर डाल सकता है। यह भी आरोप लगाया गया कि टेंडर से बोर्ड को दो करोड़ रुपये की आय होती लेकिन उसे भी बोर्ड के सदस्यों ने माफ कर दिया। साथ ही मैच के दौरान जो फ्रेंचाइजी कंपनियां उत्पादों के विज्ञापन का शुल्क देतीं जिससे आय होती, उसे भी माफ कर दिया गया। याचिका में मामले की जांच कराने की मांग की गई है।

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(Udaipur Kiran) / लता

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