
अजमेर, 17 जून (Udaipur Kiran) । तमाम आशंका, आंदोलन, धरना प्रदर्शन, सरकार को पत्राचार के बाद आखिर राजस्थान लोक सेवा आयोग की आरएएस (मुख्य) परीक्षा-2024 मंगलवार, 17 जून को निर्विध्न शुरू हो गई। आयोग के नव नियुक्त अध्यक्ष यू आर साहू ने सुबह की पारी में अजमेर के एक परीक्षा केंद्र का स्वयं निरीक्षण किया। परीक्षा अजमेर और जयपुर के कुल 77 केंद्रों पर आयोजित की जा रही है। परीक्षा की तैयारी और सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चाकचौबंद रही। परीक्षा 18 जून 25 को सम्पन्न होगी।
निर्धारित कार्यक्रमानुसार प्रातः 9 से दोपहर 12 बजे तक एवं दोपहर 2.30 से 5.30 बजे तक अजमेर में 29 तथा जयपुर में 48 कुल 77 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की जा रही है। परीक्षा के लिए आयोग द्वारा 21 हजार 440 अभ्यर्थी पंजीकृत किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि 31 दिसंबर 2024 को ही आयोग द्वारा आरएएस (मुख्य) परीक्षा-2024 की प्रस्तावित तिथि जारी कर दी गई थी। इस भर्ती के अन्तर्गत प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन 2 फरवरी 2025 को किया जाकर 20 फरवरी 2025 यानी की 18 दिन के भीतर ही परिणाम भी जारी कर दिया गया था। आयोग द्वारा मुख्य परीक्षा की प्रस्तावित तिथि पूर्व में ही जारी कर दिए जाने एवं प्रारंभिक परीक्षा उपरांत शीघ्र ही परिणाम के फलस्वरूप अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा की तैयारियों के लिए सुनिश्चित कार्य योजना बनाकर समयान्तर्गत तैयारी करने का पर्याप्त समय प्राप्त हुआ है।
इसके बावजूद कदाचित अभ्यर्थियों ने आरएएस परीक्षा 2023 के साक्षात्कार आरपीएससी द्वारा आयोजित किए जाने की आड में मुख्य परीक्षा 2024 को स्थगित किए जाने के लिए राजस्थान सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था। इसके लिए अभ्यर्थियों का यह भी कहना था कि बहुत से अभ्यर्थी वर्ष 2023 की परीक्षा के साक्षात्कार भी दे रहे हैं। अभ्यर्थियों ने इसके लिए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी, सांसद और विधायकों तक से सरकार को सिफारिशी पत्र लिखवाए, विधानसभा के बाहर धरना दिया, प्रदर्शन किया इतने में भी पार नहीं पड़ी तो जोधपुर उच्च न्यायालय में परीक्षा पर रोक के लिए वाद दायर कर दिया। यह बात दीगर है कि अदालत ने इस याचिका पर सुनवाई से ही इंकार कर दिया।
मंगलवार को अजमेर और जयपुर के अधिकांश परीक्षा केंद्रों पर पहली पारी की परीक्षा बिना किसी बाधा और दुविधा के शांति पूर्ण सम्पन्न हो गई। कुछ केंद्रों पर परीक्षार्थियों के विलम्ब से पहुंचने पर उन्हें नियमों का सामना करना पड़ा। परीक्षा देकर लौट रहे परीक्षार्थी संतुष्ट ही नजर आए। कुछ ने यह जरूर कहा कि परीक्षा स्थगित हो जाती तो थोड़ा समय मिल जाता।
परीक्षा केंद्रों पर समय से पहले पहुंचने पर किसी को कोई दुविधा नहीं हुई। परीक्षार्थियों को सभी आवश्यक दस्तावेज जांच के बाद परीक्षा केंद्र पर भेजा गया। कुछ परीक्षार्थी दिव्यांग तो कुछ हाथ अथवा पैर में चोट के बाद भी परीक्षा के लिए पहुंचे।
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(Udaipur Kiran) / संतोष
