RAJASTHAN

(अपडेट) धौलपुर में चंबल नदी उफान पर, जलस्तर 141.50 मीटर पहुंचा

धााैलपुर में ग्ामीणााें का रेसकयू करतीं एसडीआरएफ की टीम।
धााैलपुर में  डीएम आर एसपी ने लिया हालात का जायजा।
धौलपुर में चंबल नदी पर पुराना सडक पुल डूबा।

चंबल का पुराना सडक पुल डूबा,कोटा बैराज से हो रही पानी की आवक, धौलपुर में तटीय इलाकों में सतर्कता,एसडीआरएफ ने संभाला मोर्चा

धौलपुर, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजस्थान के हाडौती अंचल में हो रही लगातार बरसात तथा कोटा बैराज से पानी छोडे जाने के कारण धौलपुर में चंबल नदी उफान पर है। इसके साथ ही चंबल के तटीय इलाकों में बरसात होने के कारण भी चंबल नदी में लगातार पानी की आवक हो रही है। पानी की आवक के चलते बुधवार शाम को चंबल नदी का जलस्तर 141.50 मीटर तक पहुंच गया। जो खतरे के निशान 130.79 मीटर से करीब 11 मीटर अधिक है। चंबल के जलस्तर में बढोतरी होने से चंबल नदी पर बना पुराना सडक पुल डूब गया। लेकिन नए सडक पुल पर आवागमन सुचारू बना हुआ है। उधर,चंबल नदी का जलस्तर बढने के कारण करीब दो दर्जन गांवों के रास्तों तक पानी पंहुच गया। जिले के तटीय इलाकों में सतर्कता बरती जा रही है। हालात से निपटने के लिए डीएम और एसपी सहित जिले के अन्य आला अधिकारियों ने एसडीआरएफ की टीमों के साथ मोर्चा संभाल लिया है। जिला प्रशासन राहत एवं बचाव कार्यों में जुटा है तथा जिला कलक्टर एवं एसपी ने प्रभावित इलाकों का दौरा कर हालात का जायजा लिया।

बीते दिनों कोटा और बांरा इलाकों में हो रही बरसात, चंबल की सहायक नदियों के कैचमेंट क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण निरंतर बढ़ती जल आवक तथा कोटा बैराज से पानी की निकासी के चलते धौलपुर जिले में चंबल नदी रौद्र रूप धारण कर चुकी है। खतरे के निशान से कई मीटर ऊपर बह रही चंबल नदी के कारण जिले में निचले क्षेत्र के कई गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। चंबल के जलस्तर में बढोतरी का क्रम आज भी जारी रहा तथा बुधवार सुबह चंबल नदी का जलस्तर 138.80 मीटर रिकार्ड किया गया। दिन चढने के साथ ही चंबल नदी के जलस्तर में बढोतरी दर्ज की गई तथा शाम को 5 बजे चंबल का जलस्तर 140 मीटर को पार करके 141.20 मीटर तक जा पंहुचा, जो खतरे के निशान 130.79 मीटर से करीब 11 मीटर अधिक है। खतरे के निशान से कई मीटर ऊपर बह रही चंबल नदी के कारण जिले में निचले क्षेत्र के कई गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है। जिला कलेक्टर श्रीनिधि बी टी एवं पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने बुधवार को राजाखेड़ा उपखंड के अंधियारी, अण्डवा पुरैनी, बसईघीयाराम सहित अन्य संवेदनशील इलाकों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने मौके पर राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।

जिला कलेक्टर श्रीनिधि बी टी ने बताया कि जिन गांवों में पानी का स्तर आबादी क्षेत्र के नजदीक पहुंच गया है, वहां ग्रामीणों को समझाइश कर सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है। प्रशासन द्वारा सुरक्षित आश्रयों पर भोजन और रहने की पूरी व्यवस्था की गई है। एसडीएम से लेकर पटवारी तक को फील्ड में तैनात कर दिया गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया की जा सके। निचले क्षेत्रों में बसे लोगों को आवश्यकता पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है और प्रशासन की ओर से उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने जनता से अपील की है कि वे चंबल नदी या अन्य जल स्रोतों के बहाव क्षेत्र में न जाएं और प्रशासन द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करें। प्रशासन द्वारा संभावित जलभराव वाले सभी क्षेत्रों की पहले से पहचान कर वहां पटवारियों एवं स्थानीय प्रशासन की तैनाती कर दी गई है। संवेदनशील स्थानों पर नाव, राहत सामग्री एवं मेडिकल टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है। जिले की समस्त राजस्व, पुलिस एवं पंचायत स्तरीय टीमें आपसी समन्वय से कार्य कर रही हैं। बाढ़ जैसी आपदा से निपटने के लिए जिला प्रशासन मुस्तैदी से निगरानी बनाए हुए है।

डीएम श्रीनिधि बी टी ने बताया कि कोटा बैराज से पानी छोडे जाने के बाद में चंबल के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। इसके साथ ही जिला प्रशासन ने नदी के आसपास के निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है तथा जिला प्रशासन संभावित डूब क्षेत्र की लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है। जिले के चंबल किनारे वाले क्षेत्र में पुलिस तथा राजस्व विभाग के अधिकारी सक्रिय हैं तथा पूरी सतर्कता बरती जा रही है। चंबल नदी के जलस्तर में बढाेतरी हाेने से चंबल के पुराने सडक पुल के नजदीक जलस्तर पंहुच चुका है। लेकिन नए सडक पुल के बनने के बाद में पुराने पुल काे कई साल पहले ही बंद किया जा चुका है। वहीं, आगरा-मुंबई नेशनल हाईवे पर नए सडक पुल पर यातायात सुचारू रूप से चल रहा है।

सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता सुरेश मीणा ने बताया कि कोटा से पानी की आवक के चलते जलस्तर में लगातार बढोतरी हो रही है। बुधवार देर शाम को करीब 6 बजे चंबल नदी का जलस्तर 141.50 मीटर पर बना हुआ था। सिंचाई विभाग के कार्मिक जलस्तर की मानिटरिंग कर रहे हैं। बताते चलें कि चंबल नदी का वार्निंग लेवल 129.79 मीटर तथा खतरे का निशान 130.79 मीटर है।

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(Udaipur Kiran) / प्रदीप

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