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(अपडेट) एसआई भर्ती प्रकरण: एकलपीठ के आदेश पर रोक, चयनित अभ्यर्थियों को फील्ड पोस्टिंग देने पर रोक बरकरार

हाईकाेर्ट

जयपुर, 08 सितंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एसआई भर्ती-2021 पेपर लीक मामले में एकलपीठ के गत 28 अगस्त के आदेश को रद्द कर दिया है। एकलपीठ ने गत 28 अगस्त को याचिकाओं पर फैसला करते हुए भर्ती रद्द करने की मंशा जताते हुए राज्य सरकार को आरपीएससी में विस्तृत रिपोर्ट देने और उसके बाद आगामी कार्रवाई के आदेश दिए थे। वहीं खंडपीठ ने भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों को फील्ड पोस्टिंग देने पर लगी रोक को जारी रखा है। जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस संजीत पुरोहित की खंडपीठ ने यह आदेश अमर सिंह व अन्य की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए दिए। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने सवाल उठाते हुए कहा कि एकलपीठ में याचिकाकर्ता रहे अभ्यर्थियों ने मामले में एसओजी की पहली रिपोर्ट अदालत में पेश की थी। यह रिपोर्ट उनके पास कहां से आई। खंडपीठ मामले में 8 अक्टूबर को सुनवाई करेगी।

याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता आरएन माथुर ने अदालत को बताया कि भर्ती में अभ्यर्थियों का चयन केवल लिखित परीक्षा के आधार पर नहीं हुआ है। अभ्यर्थियों का दूसरा चरण शारीरिक परीक्षण था, इसमें एक आईजी रैंक और एक एसपी रैंक के अधिकारी ने पुलिस महानिदेशक की ओर से तय किए गए निर्धारित मानदंडों के आधार पर परीक्षा ली थी। ऐसे में अपीलार्थियों ने पहले भर्ती की लिखित परीक्षा और बाद में शारीरिक दक्षता परीक्षा को पास किया। इसलिए यह परीक्षा आंशिक तौर पर प्रभावित हो सकती है, लेकिन शारीरिक दक्षता परीक्षण पर नहीं हो सकती। इसके अलावा इन अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार भी दिया, जिसमें उन्हें एक आईजी रैंक का अधिकारी, एक मनोवैज्ञानिक और आरपीएससी का एक सदस्य मिला। भर्ती की इस प्रक्रिया को भी उन्होंने पास किया। ऐसे में शारीरिक परीक्षण और साक्षात्कार प्रभावित नहीं हुए हैं और कुछ अभ्यर्थियों की गलत हरकतों पर पूरी भर्ती प्रक्रिया को ही रद्द करना सही नहीं है। राज्य सरकार ने भी जुलाई की रिपोर्ट में कहा था कि पेपर लीक में केवल कुछ लोग शामिल थे और दोषियों की छंटनी संभव है। राज्य सरकार ने भर्ती रद्द नहीं करने की सिफारिश की थी। एसओजी और एटीएस प्रमुख वीके सिंह की पहली गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर अभ्यर्थियों ने एकलपीठ में याचिका पेश की और एकलपीठ ने भी अपने आदेश में सिर्फ पहली रिपोर्ट को ही आधार बनाया। जबकि दूसरी रिपोर्ट में कैबिनेट सब कमेटी ने भर्ती रद्द नहीं करने की बात कही थी। इसलिए एकलपीठ के आदेश पर रोक लगाई जाए। दरअसल एकलपीठ ने 28 अगस्त को दिए फैसले में माना था कि एसआई भर्ती रद्द करना सही होगा। इसके अलावा भर्ती रद्द करने के लिए राज्य सरकार को विस्तृत रिपोर्ट बनाकर आरपीएससी में देने को कहा था। वहीं इस भर्ती के पदों को साल 2025 की नई भर्ती में शामिल कर दूसरी सरकारी सेवा छोडक़र आए चयनितों को पूर्व की सेवा में लेने को कहा था। एकलपीठ ने आरपीएससी की कार्यशैली पर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया था।

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(Udaipur Kiran)

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