
मंदसौर, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश की महिला एवं बाल विकास तथा मंदसौर जिले की प्रभारी मंत्री निर्मला भूरिया ने सोमवार को आनलाइन वीसी के माध्यम से भावांतर भुगतान योजना की प्रगति की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों को योजना का अधिक से अधिक लाभ दिलाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
आनलाइन बैठक में लोकसभा सांसद सुधीर गुप्ता, राज्यसभा सांसद बंशीलाल गुर्जर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती दुर्गा विजय पाटीदार, सुवासरा विधायक हरदीप सिंह डंग, गरोठ विधायक चंदर सिंह सिसोदिया सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी शामिल हुए। कलेक्टर सभागार मंदसौर से कलेक्टर अदिती गर्ग, पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया, अपर कलेक्टर एकता जायसवाल, सीईओ जिला पंचायत अनुकूल जैन तथा संबंधित विभागों के अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान प्रभारी मंत्री निर्मला भूरिया ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि किसानों को किसी भी स्तर पर असुविधा न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि मंडियों के साथ-साथ उपमंडियों में भी हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएं, ताकि किसानों को पंजीयन, खरीदी या भुगतान से जुड़ी किसी भी समस्या का त्वरित समाधान मिल सके। प्रभारी मंत्री ने कहा कि सभी पंजीयन केंद्रों पर किसानों का पंजीयन कार्य सुचारू और व्यवस्थित रूप से जारी रहे। यदि किसी क्षेत्र में पंजीयन केंद्रों की संख्या कम है या किसानों की अधिकता है, तो वहां तत्काल नए पंजीयन केंद्र प्रारंभ किए जाएं ताकि कोई भी किसान वंचित न रहे।
उन्होंने निर्देश दिए कि भावांतर भुगतान योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचे, इसके लिए जनप्रतिनिधि और अधिकारी सक्रिय रूप से प्रचार-प्रसार करें। गांव-गांव तक किसानों को योजना की जानकारी देने के लिए पोस्टर, पंपलेट, बैनर लगाए जाएं। प्रभारी मंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधि जहां भी जाएं, किसानों से संवाद करें और उन्हें योजना के लाभ, पात्रता एवं प्रक्रिया के बारे में अवगत कराएं। सुश्री भूरिया ने कहा कि किसानों के मन में यदि भावांतर योजना, फसल बीमा या मुआवजा राशि को लेकर कोई प्रश्न या शंका है, तो उसका स्पष्ट और सही समाधान तुरंत किया जाए।
जिले में तेजी से चल रहा पंजीयन कार्य
बैठक में बताया गया कि जिले में अब तक 16,385 किसानों का पंजीयन किया जा चुका है। कुल 256 पंजीयन केंद्रों पर निरंतर पंजीयन जारी है, जिनमें से 68 केंद्र सहकारी समितियों में संचालित हैं। जिले की लगभग 35,000 हेक्टेयर भूमि पंजीयन के अंतर्गत आएगी। पंजीयन कार्य 3 से 17 अक्टूबर तक चलेगा, जबकि खरीदी कार्य 24 अक्टूबर से 15 जनवरी तक प्रस्तावित है। मंडियों में हेल्प डेस्क, पेयजल, छाव एवं तकनीकी सहयोग की पूरी व्यवस्था की जा चुकी है। मंडियों में रियल टाइम स्टॉक मॉनिटरिंग एवं मॉडल रेट की निगरानी की जा रही है। किसानों को जागरूक करने के लिए पोस्टर, बैनर, पंपलेट एवं कृषि गोष्ठियों के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
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(Udaipur Kiran) / अशोक झलोया
