कोलकाता, 04 सितंबर (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सरकार लगातार फिल्मों पर पाबंदी लगाकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंट रही है। भाजपा के आईटी सेल प्रमुख और पश्चिम बंगाल के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने इस संबंध में सोशल मीडिया कर ममता सरकार को कठघरे में खड़ा किया।
मालवीय ने फिल्म “द बंगाल फाइल्स” की निर्माता पल्लवी जोशी का पत्र साझा करते हुए बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से हस्तक्षेप की अपील की है ताकि फिल्म को पश्चिम बंगाल में रिलीज किया जा सके। इससे पहले फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने भी ममता बनर्जी से सीधी अपील की थी।
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि यह पहला मौका नहीं है जब बंगाल में इस तरह की सेंसरशिप हुई हो। उन्होंने कहा, “द केरल स्टोरी” को भी राज्य में थिएटरों में रिलीज नहीं होने दिया गया था, जबकि अदालत ने इसकी अनुमति दी थी। इसके अलावा, हाल ही में कवि और गीतकार जावेद अख्तर का कार्यक्रम भी कट्टरपंथी समूहों के दबाव में रद्द कर दिया गया।”
मालवीय ने तंज कसते हुए कहा कि इस पूरे मामले में तथाकथित “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पैरोकार” कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया, ममता बनर्जी की तुष्टिकरण की राजनीति बेतुकी हद तक पहुंच चुकी है। यह ऐसा है जैसे बाघ की सवारी करना – न तो वह उतर पा रही हैं और न ही उसे काबू कर पा रही हैं। इससे बंगाल को सबसे अधिक नुकसान हो रहा है।
“द बंगाल फाइल्स” को लेकर शुरुआत से ही विवाद बना हुआ है। राज्य के कई थानों में फिल्म के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, लेकिन गत 04 अगस्त को कलकत्ता हाई कोर्ट की एकल पीठ ने इन एफआईआर पर अंतरिम रोक लगा दी थी। यह फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की “फाइल्स ट्रिलॉजी” की तीसरी कड़ी मानी जा रही है। इससे पहले “द ताशकेंट फाइल्स” (2019) और “द कश्मीर फाइल्स” (2022) रिलीज हो चुकी हैं।
पूर्व में भी ममता बनर्जी सरकार पर कई फिल्मों को “कमजाेर और मनमाने” आधारों पर रोकने के आरोप लगते रहे हैं।——————
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
