Madhya Pradesh

(अपडेट) जबलपुर में दीपावली की पूर्व संध्‍या पर 51 हजार दीपों की रोशनी से जगमग हुआ गौरीघाट

दीपावली की पूर्व संध्‍या पर 51 हजार दीपों की रोशनी से जगमग हुआ गौरीघाट

– लेजर शो के इंद्रधनुषी रंगो ने मॉं नर्मदा का किया श्रृंगार, रंगारंग आतिशबाजी भी रही आकर्षण का केन्‍द्र दो वर्ष बाद सरयू की तर्ज पर विकसित सुंदर घाट में मनाएंगे दीपोत्‍सवः मंत्री राकेश सिंह

जबलपुर, 19 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश के जजबलपुर में प्रकाश का पर्व दीपावली के एक दिन पूर्व रविवार देर शाम माँ नर्मदा का पवित्र तट गौरीघाट दीपों की रोशनी से जगमगा उठा। लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के आह्वान पर माँ नर्मदा के भक्तगणों द्वारा यहाँ 51 हजार दीपकों से रोशनी की गई। दीपोत्सव में पर्यावरण को नुकसान न करने वाले पटाखों की आतिशबाजी और संपूर्ण आकाश को प्रकाश के इंद्रधनुषी रंगों से रोशन कर देने वाला लेजर शो ने पूरे वातावरण को अध्‍यात्मिकता और दिव्‍यता से भर दिया।

संत महात्‍माओं के सानिध्‍य में आयोजित दीपोत्‍सव के इस कार्यक्रम में लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने मां नर्मदा का पूजन किया। उन्‍होंने दीप प्रज्‍जवलित कर दीपोत्‍सव की शुरूआत की। इस अवसर पर मंत्री राकेश सिंह ने अपने संबोधन में संस्‍कारधानी जबलपुर और प्रदेश वासियों को दीपोत्‍सव की बधाई दी तथा मॉं नर्मदा से प्रदेश की खुशहाली तथा नागरिकों के सुखी एवं समृद्ध जीवन की कामना की। उन्होंने कहा मां नर्मदा की प्रेरणा और पूज्य संतो के निर्देश पर इस चतुर्थ वर्ष में दीपावली की पूर्व संध्या पर मां नर्मदा के पावन तटों का हजारों दीपों को प्रज्वलित कर श्रृंगार किया गया और एक एक दीप जब प्रज्वलित हुआ तो उसके प्रकाश ने हमारी परंपरा, संस्कृति, आदर्शो और सिद्धांतो का अहसास कराया।

लोक निर्माण मंत्री सिंह ने कहा कि जब दीपोत्सव प्रारम्भ किया था तब कल्पना नहीं थी कि इसका स्वरूप इतना विराट होगा और प्रथम वर्ष ही पूज्य संतो के आशीर्वाद और सहमति से हमने इसे हर वर्ष मानने का निर्णय किया और उसके बाद चार वर्षों से लगातार हम माँ के तट पर हम दीपोत्सव मना रहे हैं। हम सनातनी परंपरा को मानने वाले है। हमारी परंपरा है कि किसी भी शुभ कार्य का प्रारंभ दीप प्रज्वलित कर किया जाता है और हमारा सबसे बड़ा पांच दिवसीय पर्व दीपावली तो रोशनी, उत्साह और उल्लास का ही पर्व है, इसीलिए तीन वर्ष पूर्व मां के तट पर दीपोत्सव का आयोजन करने का निर्णय लिया और जबलपुर वासियों ने इसमें भागीदारी कर इसे अधिक सफल बनाया और सबने मिलकर 51 हजार दीपो से तट पर मां का श्रृंगार किया, साथ ही मनमोहक आतिशबाजी और सनातनी थीम पर आयोजित आकर्षक लेजर शो का भी आनंद सभी ने लिया।

मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि मां नर्मदा और संतो के आशीर्वाद से गौरीघाट में मां नर्मदा के तट को सरयू के तट की तर्ज पर विकसित करने की कल्‍पनां जल्‍दी ही पूरी होने जा रही है। इसकी डीपीआर तैयार हो गई है, इसे एक सप्‍ताह के समक्ष पूज्‍य संतो के समक्ष प्रस्‍तुत किया जायेगा तथा आने वाले चार माह में इस पर कार्य भी शुरू हो जायेगा। उन्‍होंने कहा कि गौरीघाट में जिलहरीघाट से खारीघाट तक मां नर्मदा के तटों की इतनी सुंदर रचना तैयार होगी कि यह देश के सर्वश्रेष्‍ठ धार्मिक और पर्यटन स्‍थलों में शामिल होगा।

उन्होंने कहा कि दीपावली की पूर्व संध्‍या पर आज हमने मां नर्मदा का जो अद्भुत श्रृंगार देखा है, ये आने वाले वर्षों में भी निरंतर जारी रहेगा तथा दो वर्ष बाद हम दीपोत्‍सव का यह कार्यक्रम मां नर्मदा के नए और सुंदर स्‍वरूप में वि‍कसित तटों पर मनायेंगे। उन्होंने इस अवसर पर जीएसटी की दरो में कटौती कर दीपावली के पूर्व देशवासियों को बड़ी सौगात देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी का आभार व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि इससे न केवल दैनिक उपयोग की वस्‍तुओं की कीमतों में कमी आई है और बाजारों में भी खरीदारी बढ़ी है। उन्‍होंने दीपोत्‍सव के कार्यक्रम में समृद्धि का एक दीप जलाकर सहभागी बने सभी नागरिकों के प्रति भी कृतज्ञता ज्ञापित की।

लोक निर्माण मंत्री सिंह ने दीपोत्‍सव के कार्यक्रम में साधु-संतो का सम्‍मान कर आशीर्वाद भी प्राप्‍त किया। कार्यक्रम को साधु-संतो ने भी अपने आशीर्वचनों से सुसिंचित किया और इस आयोजन के लिए मंत्री राकेश सिंह को बधाई दी।

पूज्य संतो का रहा सानिध्य

दीपोत्सव के आयोजन में जगतगुरु स्वामी डॉ. नरसिंहदेवाचार्य, पूज्य स्वामी बालगोविंदाचार्य, पूज्य स्वामी गिरीशानंद साकेत धाम, पूज्य स्वामी राजाराम, स्वामी मुकुंददास महाराज गुप्तेश्वर, पूज्य पागलानंद महाराज, स्वामी कालीनंद, साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी, स्वामी अशोकानंद महाराज, साध्वी शिरोमणि, चन्द्रशेखरानंद, पं तरुण चौबे, पूज्य मैत्री दीदी सहित संतो का आशीर्वाद मिला।

दीपोत्सव का शुभारंभ संतों द्वारा शंखध्वनि की नाद के साथ हुआ। संस्कारधानी वासियों के सहयोग से सजा कर रखे गए 51 हजार दीपकों का प्रज्वलन किया गया। स्वास्तिक, ओम, पुष्प की आकृति एवं शुभ दीपवली की आकृति में गौरीघाट तट पर जगमगा रहे दीपक मां नर्मदा के प्राकृतिक अदभुत सौंदर्य में चार चांद लगा रहे थे। मॉं नर्मदा के दूसरे छोर पर गुरूद्वारे पर की गई रंगीन रोशनी भी मॉं नर्मदा के सौन्‍दर्य को बढ़ा रही थी। दीपोत्सव कार्यक्रम में उपस्थित पूज्यनीय संतों द्वारा ओंकार के नाद के बाद वैदिक रीति रिवाजों और वैदिक मंत्रों के उच्चारण के मध्य मां नर्मदा की पूजा अर्चना की गई। इस दौरान शंखों, घंटों एवं अन्य वैदिक यंत्रों का वादन भी किया गया। जिससे उत्पन्न ध्वनि माँ नर्मदा के पवित्र तट पर उपस्थित श्रद्धालुओं के हृदय में सकारात्मकता का संचार कर रही थी। मां नर्मदा की जलधारा के बीच लगाई गई एलईडी स्क्रीन पर भी वैदिक गतिविधियों को प्रदर्शित किया जा रहा था। दीपावली की पूर्व संध्या पर आज गौरीघाट में माँ की महाआरती भी खास थी। साधु संतों सहित सभी जन प्रतिनिधि भी महाआरती में शामिल हुये और माँ नर्मदा का आशीर्वाद प्राप्त किया। गौरीघाट के तट पर मां नर्मदा की आरती की शुरूआत में नर्मदाष्टकम का पाठ किया गया। इस अवसर पर नर्मदा को स्वच्छ रखने की शपथ भी संस्कारधानी वासियों को दिलाई गई।

(Udaipur Kiran) तोमर

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