Delhi

(अपडेट) मुख्यमंत्री ने डीटीसी के तेहखंड डिपो में एटीएस का किया शिलान्यास

ओखला के तेहखंड स्थित डीटीसी डिपो में स्वचालित परीक्षण स्टेशन का शिलान्यास करती दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता
ओखला के तेहखंड स्थित दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) डिपो में 50 नई इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाती मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, दिल्ली के परिवहन मंत्री पंकज कुमार सिंह और सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी

– 50 ई-बसों को दिखाई झंडी

नई दिल्ली, 14 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को दक्षिणी दिल्ली स्थित दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) तेहखंड डिपो में स्वचालित परीक्षण केंद्र (एटीएस) का शिलान्यास किया और 50 नई इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई। इस कार्यक्रम में परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह, सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी, पार्षद सुगंधा बिधूड़ी, परिवहन विभाग के अधिकारियों के अलावा मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली के पर्यावरण और प्रदूषण की चर्चा में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा वाहनों से होने वाला उत्सर्जन है। दिल्ली में करीब 6.5 लाख कमर्शियल वाहन हैं, जिन्हें हर वर्ष फिटनेस प्रमाणन की आवश्यकता होती है लेकिन वर्षों तक इसकी व्यवस्था उपेक्षित रही। उन्होंने कहा कि राजधानी में पहले केवल एक झुंझुनी सेंटर था, जिसकी क्षमता मात्र 47,000 वाहनों की थी। लाखों वाहन फिटनेस टेस्ट के लिए एनसीआर में भटकते थे। वर्षों तक पिछली सरकारों ने दिल्ली को अव्यवस्थाओं के हवाले छोड़ दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मात्र आठ महीनों में दिल्ली सरकार ने परिवहन क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। राजधानी में वाहनों के फिटनेस परीक्षण को आधुनिक, पारदर्शी और पूर्णत: डिजिटल बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं, जिनका प्रभाव आने वाले वर्षों में दिल्ली की पर्यावरणीय गुणवत्ता और परिवहन व्यवस्था पर स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली का पहला स्वचालित परीक्षण केंद्र नंद नगरी में तेजी से बन रहा है, जिसकी वार्षिक क्षमता लगभग 72,000 वाहनों की है। यह केंद्र पूरी तरह डिजिटल व मानव-हस्तक्षेप से मुक्त होगा, जिससे फिटनेस प्रमाणन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, विश्वसनीय और सुगम बनेगी। उन्होंने कहा कि यह कदम दिल्ली के लाखों वाहन मालिकों को बड़ी राहत देगा और राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 73 हजार वाहनों की क्षमता वाला दूसरा स्वचालित परीक्षण केंद्र का आज तेहखंड में शिलान्यास किया गया है। इसके साथ ही बुराड़ी और झुंझुनी स्थित पुराने केंद्रों को भी अत्याधुनिक तकनीक और आधुनिक मानकों के अनुरूप अपग्रेड किया जा रहा है। इनके उन्नयन के बाद दिल्ली में एक लाख से अधिक वाहनों का पूर्णत: स्वचालित फिटनेस परीक्षण वार्षिक रूप से संभव हो सकेगा। उन्होंने कहा कि यह बदलाव दिल्ली की परिवहन व्यवस्था को नए युग में ले जाने वाला कदम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने 11 वर्षों में केवल 2,000 इलेक्ट्रिक बसें दीं और हमने 8 महीनों में 1,350 ई-बसें दिल्ली को समर्पित की हैं। उन्होंने बताया कि इंटरस्टेट बस सेवाएं और यूनिवर्सिटी की यूथ स्पेशल बसें जिनको पिछली सरकार ने बंद कर दिया था, उन्हें भी वर्तमान सरकार ने पुनः शुरू किया है।

परिवहन मंत्री डॉ पंकज सिंह ने जानकारी दी कि तेहखंड एटीएस 10 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है और इसमें ब्रेक, सस्पेंशन, अंडरबॉडी, हेडलाइट, एक्सल और उत्सर्जन की पूरी तरह डिजिटल व ऑटोमेटेड जांच होगी। यह केंद्र प्रतिवर्ष लगभग तीन करोड़ रुपये का राजस्व भी उत्पन्न करेगा।

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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव