
नई दिल्ली, 20 सितंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली के लिए 200 मीट्रिक टन प्रतिदिन गोबर पर आधारित बायोगैस संयंत्र का नंगली डेयरी नजफगढ़ में शनिवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर चल रहे सेवा पखवाड़े के अंतर्गत दिल्ली को यह ऐतिहासिक सौगात मिली है।
इस अवसर पर पश्चिमी दिल्ली की सांसद कमलजीत सहरावत, दिल्ली सरकार के शहरी विकास मंत्री आशीष सूद, महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह, दिल्ली नगर निगम आयुक्त अश्वनी कुमार समेत निगम के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज नंगली बायोगैस संयंत्र का लोकार्पण किया जा रहा है जो देश का हरित ऊर्जा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि नंगली सकरावती स्थित बायोगैस संयंत्र द्वारा कंप्रेस्ड नेचुरल गैस एवं खाद का उत्पादन होगा एवं आसपास की डेयरियों का गोबर एवं अपशिष्ट जो वर्तमान में नालियों में बहकर यमुना में जाता है, उस प्रदूषण पर भी रोक लगेगी। यह संयंत्र 200 मीट्रिक टन प्रतिदिन मवेशियों के गोबर अपशिष्ट का निपटान करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नंगली बायोगैस प्लांट से न केवल क्षेत्र में सफाई रहेगी बल्कि आसपास स्थित गांववालों को उनके मवेशियों को गोधन (गोबर अपशिष्ट) के पैसे भी मिलेंगे, साथ ही यह परियोजना मां यमुना को साफ करने में मील का पत्थर साबित होगा। संबंधित एजेंसी द्वारा डायरी मालिकों को 65 पैसे प्रति किलोग्राम की दर से गोबर अपशिष्ट एकत्र किया जाएगा। शेष बायोगैस स्लरी का उपयोग प्राकृतिक उर्वरक के रूप में किया जाएगा, जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में मदद करता है। इस संयंत्र की स्थापना का कार्य दिल्ली नगर निगम द्वारा दिसंबर 2018 में आरंभ हुआ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नंगली डेयरी बायोगैस संयंत्र का निरीक्षण किया जहां उन्हें बायोगैस के उत्पादन के विषय से अवगत कराया गया। उन्होंने बताया, आज यह मोदी के नेतृत्व वाले दिल्ली सरकार है जो दिल्ली के कोने-कोने के लोगों की समस्या के समाधान पर काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं पूछती हूं केजरीवाल सरकार से कि पिछले आठ वर्षों से केंद्र सरकार के फंड होने के बावजूद क्यों इस क्षेत्र में कोई बायोगैस परियोजना पूरी नहीं की गई? मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हम दिल्ली के कोने कोने में ऐसी ही अन्य बायोगैस संयंत्र लगाएं जिससे ना केवल कूड़ा कम हो बल्कि हरित ऊर्जा उत्पन्न हो।
नंगली डेयरी में लगभग 13,000 और ककरोला डेयरी में 7,000 मवेशी हैं, और प्रत्येक मवेशी प्रतिदिन लगभग 10 किलोग्राम गोबर अपशिष्ट उत्पन्न करता है। इस प्रकार, दोनों डेयरियों में गोबर अपशिष्ट का उत्पादन प्रतिदिन लगभग 200 मीट्रिक टन है। लगभग 16 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से निर्मित यह बायोगैस संयंत्र भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के शहरी विकास निधि से आंशिक रूप से वित्त पोषित है।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने गौ माता को लेकर राजनीति की और लोगों के कल्याण के बजाय उनका कार्यकाल केवल ओछी राजनीति तक सीमित रह गया। गौमाता सड़कों पर घूमने को मजबूर थी, पर इसका कोई समाधान नहीं किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली की भाजपा सरकार गोवंश के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और हमने पदभार ग्रहण करते ही कई गौशालाएं बनवाने का काम शुरु कर दिया है, बायोगैस प्लांट बनवा दिया है और छोटे बड़े नालों की सफाई की व्यवस्था कराई। दिल्ली की सभी कालोनियों में पानी की व्यवस्था के लिए काम किया। परंतु 27 सालों के कुव्यवस्था में सुधार लाने में थोड़ा समय लगेगा। उन्होंने कहा कि ‘सेवा पखवाड़ा’ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को सशक्त, आत्मनिर्भर और उपभोक्ता हितैषी बनाने का हमारा दृढ़ संकल्प है।
इस बायोगैस संयंत्र से उत्पाद किए बायोगैस/सीएनजी है, की आपूर्ति पाइपलाइन के माध्यम से ‘आईजीएल’ को की जाएगी। इस संयंत्र में लगभग 14000 घन मीटर प्रतिदिन कच्ची बायोगैस (सीएनजी) और 5.6 टन प्रतिदिन संपीड़ित बायोगैस (शुद्ध) का उत्पादन किया जाएगा। बायोगैस संयंत्र के लिए नंगली डेयरी कॉलोनी में लगभग 2.72 एकड़ भूमि आवंटित की गई है।
मंत्री आशीष सूद ने कहा कि दिल्ली में आज ऐसी सरकार है जिसके मुख्यमंत्री ने मात्र छह महीनों में दिल्ली के हर क्षेत्र को निरीक्षण किया है, लोगों से निरंतर संपर्क किया हैं और उनकी समस्याओं के निराकरण में दिन रात कार्य कर भी कर रही हैं। सूद ने कहा यह बायोगैस प्लांट प्रधानमंत्री के हरित उर्जा अभियान को सशक्त बनाते हुए, दिल्ली को स्वच्छ आत्मनिर्भर और हरित राजधानी बनाने की दिशा महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि डेयरियों से निकलने वाला कूड़ा लोगों के स्वास्थ्य के लिए चुनौती बन गया है। लेकिन आज हम इस बायोगैस संयंत्र के लोकार्पण से ये कह सकते हैं कि ‘कचरा बोझ नहीं, बल्कि संपत्ति है’।
इस अवसर पर महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा कि दिल्ली की भाजपा सरकार लगातार दिल्ली की कूड़े की समस्या का समाधान करने में प्रयासरत है। इसी संकल्प की दिशा में आज गोबर अपशिष्ट के उचित समाधान के लिए नंगली बायोगैस संयंत्र लोगो को समर्पित है। उन्होंने कहा कि “लोग गोबर से उत्पन्न कूड़े को नालियों में बहाते हैं, जो गोबर नाले को और बाद में मां यमुना दूषित हो रही हैं। लेकिन हमने माना कि ये गोबर एक पशु धन है। अब इस बायोगैस संयंत्र के माध्यम से एजेंसी आपके घर से उचित मूल्य के एवज में कूड़ा एकत्र करेगी।
सांसद कमलजीत सहरावत ने दिल्ली सरकार द्वारा नजफगढ़ क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग गोबर अपशिष्ट की समस्या से पिछले कई दशकों से जूझ रहें हैं। आज मुझे बड़ा गर्व है कि दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री पर, जिन्होंने क्षेत्र के ग्रामीण लोगों की समस्या को समझा और उसका समाधान किया।
निगम आयुक्त अश्वनी कुमार ने बताया कि दिल्ली नगर निगम कुछ दिनों में घोघा डेयरी के बायोगैस सन्यंत्र और अगले वर्ष दो नए बायोगैस संयंत्रों का लोकार्पण करेगी। उन्होनें कहा कि इस परियोजना की अच्छी बात यह है कि डेयरी मालिक एजेंसी को उचित दर (65 पैसे प्रति किलो) पर गोबर जमा कर सकते हैं।
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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव
