Delhi

(अपडेट) मुख्यमंत्री ने किया इहबास अस्पताल का निरीक्षण, नई बिल्डिंग निर्माण के जल्द शुरू करने की घोषणा

दिलशाद गार्डन में स्थित इहबास अस्पताल के निरीक्षण के दौरान बुधवार को मरीजों से बात करती मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता

नई दिल्ली, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बुधवार को दिलशाद गार्डन स्थित मानव व्यवहार एवं सम्बद्ध विज्ञान संस्थान (इहबास) का निरीक्षण किया। उन्होंने यहां इलाज के लिए आए मरीजों व उनके परिजनों से उनकी समस्याएं सुनीं और अस्पताल के हालात पर नाराजगी व चिंता जताई।

मुख्यमंत्री ने अस्पताल के लिए नई बिल्डिंग का निर्माण जल्द शुरू करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा इस वित्तीय वर्ष में अस्पताल की सारी चिकित्सीय और प्रशासकीय कमियों को पूरा कर दिया जाएगा।

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री इस बात से हैरान और दुखी है कि 2012 से अब तक अस्पताल में एक भी एमआरआई मशीन नहीं है। वहां एक भी सीटी स्कैन मशीन नहीं है और एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड की भी सीमित सुविधाएं भी है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि इहबास को दिल्ली बल्कि पूरे भारत और उत्तरी एशिया का प्रमुख न्यूरो और मानसिक स्वास्थ्य उपचार केंद्र माना जाता है और यहां रोजाना ओपीडी में ढाई से तीन हजार मरीज इलाज के लिए आते हैं। मुख्यमंत्री को यह भी बताया गया कि अस्पताल में केवल दस वेंटिलेटर बेड ही मौजूद हैं, जबकि जरूरत कहीं अधिक है। इतने सीमित संसाधनों के बावजूद डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ अपने दायित्वों का निर्वाह गंभीरता से कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील क्षेत्र में बिना एमआरआई जैसी आवश्यक मशीनों के डॉक्टर काम कर रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों में भी मरीजों को देखना और उनकी समस्याओं का समाधान करना वास्तव में बड़ा कार्य है। इसमें मेडिकल टीम की कोई कमी नहीं, बल्कि अब तक सरकारों का समर्थन इस अस्पताल को नहीं मिला। इतने नामी अस्पताल में मात्र 317 बेड हैं।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि इस अस्पताल की नई इमारत का निर्णय शीघ्र शुरू कर दिया जाए। इहबास अस्पताल के पास 111 एकड़ जमीन है, जबकि उसकी 20 प्रतिशत जमीन ही अस्पताल के लिए उपयोग में लाई जा रही है। मुख्यमंत्री अनुसार यहां अस्पताल की विशाल इमारत के अलावा सुविधाओं से भरपूर ओपीडी के अलावा अन्य प्रकार की फैकल्टी भी बनाई जाएगी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में ही अस्पताल की सारी चिकित्सीय और प्रशासकीय कमियों को पूरा कर दिया जाएगा। इनमें एमआरआई, सीटी स्कैन, एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड जैसी सभी आवश्यक मशीनें व अन्य उपकरण शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि अस्पताल में स्टाफ की कमी को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस बात पर अफसोस जाहिर किया कि पिछली सरकार अपने हेल्थ मॉडल की बड़ी-बड़ी बातें करती रही और नए अस्पतालों के निर्माण की बातें करती थी। लेकिन उनके शुरू किए गए अस्पताल अधूरे पड़े हैं, जिन्हें हम प्राथमिकता के आधार पर पूरा कर रहे हैं। दुख की बात यह है कि इहबास जैसे बड़े और महत्वपूर्ण संस्थान के लिए एक भी मशीन उपलब्ध नहीं कराई और न ही इस बड़े संस्थान को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में कोई ठोस प्रयास किए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी कि अस्पताल को आधुनिक चिकित्सा उपकरणों और पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर से सुसज्जित किया जाए।

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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव

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