Uttar Pradesh

वैश्विक स्तर पर विकास का आदर्श मॉडल बन सकता है यूपी : प्रो. राजू

महाराणा प्रताप महाविद्यालय में राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज की स्मृति में सप्तदिवसीय व्याख्यानमाला का तीसरा दिन*
महाराणा प्रताप महाविद्यालय में राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज की स्मृति में सप्तदिवसीय व्याख्यानमाला का तीसरा दिन*
महाराणा प्रताप महाविद्यालय में राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज की स्मृति में सप्तदिवसीय व्याख्यानमाला का तीसरा दिन*
महाराणा प्रताप महाविद्यालय में राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज की स्मृति में सप्तदिवसीय व्याख्यानमाला का तीसरा दिन*
महाराणा प्रताप महाविद्यालय में राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज की स्मृति में सप्तदिवसीय व्याख्यानमाला का तीसरा दिन*
महाराणा प्रताप महाविद्यालय में राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज की स्मृति में सप्तदिवसीय व्याख्यानमाला का तीसरा दिन*
महाराणा प्रताप महाविद्यालय में राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज की स्मृति में सप्तदिवसीय व्याख्यानमाला का तीसरा दिन*

गोरखपुर, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । विगत आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश में जिस तरह से शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योग के साथ जन कल्याण केंद्रित समग्र विकास को प्राथमिकता दी गई तथा पारदर्शी शासन प्रणाली को अपनाया गया, वह अभूतपूर्व है। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि निकट भविष्य में उत्तर प्रदेश न केवल देश में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी विकास का आदर्श मॉडल बन सकता है।

यह बातें प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद, भारत सरकार के सदस्य प्रो. के.वी.राजू ने कही। वह शुक्रवार को महाराणा प्रताप महाविद्यालय, जंगल धूसड़, गोरखपुर में राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की पावन स्मृति में आयोजित सप्तदिवसीय व्याख्यामाला के तीसरे दिन ‘उत्तर प्रदेश से उत्तम प्रदेश’ विषय पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।

उन्होंने कई विषयों पर पॉवर पॉइंट प्रजेंटेशन से उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास को नई दिशा देने और सुशासन के माध्यम से जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के उद्देश्य से ‘उत्तर प्रदेश से उत्तम प्रदेश’ का संकल्प लिया गया है। प्रदेश सरकार व समाज के विभिन्न वर्गों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, महिला सशक्तिकरण और युवाओं के रोजगार को प्राथमिकता बनाने का आह्वान किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जनभागीदारी और पारदर्शी प्रशासन के साथ योजनाओं को लागू किया गया तो आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश न केवल जनसंख्या में, बल्कि विकास और उपलब्धियों में भी देश का अग्रणी राज्य बनेगा।

प्रो. राजू ने कहा कि उत्तर प्रदेश केवल एक राज्य ही नहीं, बल्कि भारत की आत्मा है। गंगा, यमुना और सरयू जैसी पावन नदियों की गोद में बसा यह प्रदेश संस्कृति, साहित्य, आध्यात्म और राजनीति का केंद्र रहा है। भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण, महात्मा बुद्ध, गुरु गोरखनाथ, तुलसीदास, कबीरदास, आचार्य नरेंद्र देव और अटल बिहारी वाजपेयी जैसी अनेकानेक विभूतियों ने इस भूमि को गौरवान्वित किया है।

प्रो. राजू ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह विचारणीय प्रश्न है कि क्या हम केवल गौरवशाली इतिहास पर गर्व करें या भविष्य की ओर भी कदम बढ़ाएं? ‘उत्तम प्रदेश’ का सपना तभी साकार होगा जब शिक्षा सबके लिए सुलभ और गुणवत्तापूर्ण होगी। किसान आत्मनिर्भर और खुशहाल होंगे। युवा रोजगार से परिपूर्ण होंगे। महिलाएं सुरक्षित और सशक्त होंगी, और हर गांव, हर कस्बा, हर शहर विकास की रोशनी से आलोकित होगा। उन्होंने आंकड़ों के माध्यम से राज्य में विभिन्न कार्य क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी, शिक्षा के स्तर में सुधार, किसानों में आत्मनिर्भरता से राज्य के विगत आठ वर्षों में एक उत्तम प्रदेश बनने के सफर पर प्रकाश डाला।

प्रो. राजू ने कहा कि ‘उत्तर प्रदेश से उत्तम प्रदेश’ केवल एक नारा नहीं, बल्कि संकल्प है। यह संकल्प विकास, सुशासन और जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने का वादा करता है। आने वाले वर्षों में प्रदेश की दिशा और दशा इसी संकल्प पर निर्भर करेगी। वर्तमान सरकार निश्चित ही इस संकल्प को पूरा करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रही है।

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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय

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