
जम्मू, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी) के प्रांतीय अध्यक्ष एडवोकेट रतन लाल गुप्ता ने सुरक्षा अधिकारियों द्वारा किए गए अत्यंत निंदनीय और अनुचित कृत्य की कड़ी निंदा की है। इन अधिकारियों ने सोमवार को श्रीनगर स्थित मज़ार-ए-शुहादा कब्रिस्तान में नमाज़ अदा करने की कोशिश कर रहे जम्मू-कश्मीर के वर्तमान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को शारीरिक रूप से रोका और कथित तौर पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया।
आज यहाँ जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में वरिष्ठ नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता ने कहा कि यह चौंकाने वाला और शर्मनाक दोनों है कि केंद्र शासित प्रदेश के निर्वाचित मुख्यमंत्री को लगातार दो दिनों तक सुरक्षाबलों द्वारा रोके जाने के बाद 1931 के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए कब्रिस्तान की चारदीवारी पर चढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा यह असहनीय स्तर की तानाशाही को दर्शाता है जहाँ सरकार के एक निर्वाचित मुखिया को प्रार्थना करने और स्मृति के किसी गंभीर कार्य में भाग लेने के उसके मौलिक अधिकार से वंचित किया जाता है।
रतन लाल गुप्ता ने आगे कहा कि 13 जुलाई को जिसे जम्मू-कश्मीर में शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और जेकेएनसी के सभी वरिष्ठ नेताओं को जबरन नज़रबंद कर दिया गया जो स्पष्ट रूप से अनिर्वाचित नौकरशाही द्वारा लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति को दबाने और न्याय एवं सम्मान के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों की स्मृति को मिटाने के एक पूर्व नियोजित प्रयास का संकेत देता है।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा यह न केवल मुख्यमंत्री पर व्यक्तिगत हमला है बल्कि लोकतंत्र पर भी सीधा हमला है। यह तथ्य कि एक अनिर्वाचित प्रशासन निर्वाचित सरकार को सीमित करने और शारीरिक रूप से बाधित करने का साहस करता है लोकतांत्रिक मानदंडों का उपहास और मज़ाक है।
प्रांतीय अध्यक्ष ने कहा कि जम्मू-कश्मीर एक संवेदनशील और भावनात्मक रूप से संवेदनशील क्षेत्र है और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इस तरह की भड़काऊ कार्रवाइयाँ न केवल संवैधानिक जनादेश का अपमान करती हैं बल्कि केंद्र शासित प्रदेश में नाज़ुक शांति और जनभावना को भी बाधित करने का खतरा पैदा करती हैं।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से तत्काल संज्ञान लेने का आह्वान करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ दुर्व्यवहार और बाधा डालने के लिए ज़िम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की। उन्होंने आग्रह किया इसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। जवाबदेही तय की जानी चाहिए और इसमें शामिल लोगों को परिणाम भुगतने होंगे।
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
