Uttrakhand

अनियोजित विकास बन रहा उत्तराखंड में आपदा का कारण:रतूड़ी

पौड़ी गढ़वाल, 1 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमालय बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष समीर रतूड़ी ने प्रदेश में पारिस्थतिकी को बिना छेड़े विकास करने की मांग उठाई है। कहा कि हिमालय के पहाड़ पर अत्याधिक अनियोजित विकास का बोझ पड़ने से प्रदेश में आपदाएं आ रही है।

सोमवार को पौड़ी में प्रेस को जारी एक बयान में समीर रतूड़ी ने कहा कि पहाड़ में आपदाग्रस्त इलाकों का अध्ययन करने पर यह बात सामने आई है कि घटते जंगल व अनियोजित विकास के मॉर्डल आज प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं को निमंत्रण दे रहे है। कहा कि पर्यावरणीय पहलु मात्र शब्दों व कागजी कार्रवाई तक सीमित रह गया है।

कहा कि सरकार को इस साल की आपदा के साथ ही पिछले कुछ वर्षो की आपदाओं का आंकलन करना चाहिए। बताया कि उनकी संस्था द्वारा किए गए अध्ययन से स्पष्ट है कि अपने यौवनकाल में हिमालय के पहाड़ पर अत्याधिक अनियोजित विकास का बोझ पड़ गया है।

नदी के अपने नैसर्गिक मार्ग पर अनियोजित ढंग से विभिन्न प्रकार के निर्माण के चलते आपदा में कई लोगों की जान गई है। कहा कि तीर्थाटन के नाम पर पर्यटन टूरिज्म को बढ़ावा देने भी एक गलत नीति है।

सरकार जल्द ही इसमें सुधार नहीं करती है तो संभवत तीर्थस्थानों पर भी जल्द ही आपदा देखने को मिल सकती है। उन्होंने सरकार से यहां के पारिस्थितिकी को बिना छेड़े विकास के मॉडल तैयार करने की मांग की है।

(Udaipur Kiran) / कर्ण सिंह

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