
ग्वालियर, 03 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । केन्द्रीय संचार व पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी एवं जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई अहम बैठक में मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर की सड़कों की मरम्मत, सीवर, पेयजल आपूर्ति व यातायात व्यवस्था एवं एलीवेटेड रोड सहित अन्य विकास परियोजनाओं की समीक्षा की गई। केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने निर्देश दिए कि गारंटी पीरियड वाली सड़कों एवं शहर की जिन सड़कों के निर्माण के लिये राज्य सरकार से धनराशि प्राप्त हो गई है, उनका काम तेजी से पूर्ण कराया जाए। उन्होंने कहा कि शेष सड़कों के लिये साझा प्रयास कर राज्य शासन से धनराशि प्राप्त की जायेगी। बैठक में सामाजिक न्याय एवं उद्यानिकी मंत्री नारायण सिंह कुशवाह व ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर भी मौजूद थे।
प्रभारी मंत्री सिलावट ने बैठक में मौजूद जनप्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा सोयाबीन उत्पादक किसानों के हित में शुरू की गई भावांतर भुगतान योजना के बारे में जानकारी दी। साथ ही जिले के सोयाबीन उत्पादक किसानों का पंजीयन कराकर उन्हें योजना का लाभ दिलाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि योजना के तहत 3 से 17 अक्टूबर तक किसानों का पंजीयन किया जायेगा। ज्ञात हो कि मौजूदा खरीफ मौसम में ग्वालियर जिले के लगभग 15 गाँवों के किसानों ने करीबन 715 हैक्टेयर में सोयाबीन उगाया है।
तीन श्रेणियों में बाँटकर बनाई गई है सड़क मरम्मत कार्ययोजना
सड़कों की हालत के आधार पर तीन श्रेणियों में बाँटकर ग्वालियर शहर की सड़कों की मरम्मत की कार्ययोजना जिला प्रशासन व नगर निगम द्वारा पार्षदगणों एवं अन्य जनप्रतिनिधियों की सलाह से तैयार की गई है। केन्द्रीय मंत्री सिंधिया द्वारा प्रभारी मंत्री सिलावट, मंत्रीद्वय कुशवाह व तोमर एवं विधायकगणों की मौजूदगी में विधानसभा क्षेत्रवार समीक्षा की गई।
बैठक में बताया गया कि शहर में कुल 359 सड़कें हैं। इन सड़कों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। इनमें 125 ग्रीन सड़कें (अच्छी सड़कें), 63 यलो सड़कें (आंशिक क्षतिग्रस्त) और 171 रेड सड़कें (अधिक क्षतिग्रस्त) में चिन्हित की गई हैं। इनमें से यलो व रेड कैटेगिरी में शामिल 89 सड़कों की मरम्मत के लिये शासन द्वारा धनराशि स्वीकृत कर दी गई है। इन सड़कों की मरम्मत समय-सीमा में पूर्ण कराई जायेगी। साथ ही 37 सड़कें गारंटी पीरियड की हैं। इनकी मरम्मत का कार्य एक माह के भीतर संबंधित कार्य एजेंसी से पूर्ण कराया जायेगा। सिंधिया ने कहा कि शहर की शेष 108 सड़कों की मरम्मत के लिये 165 करोड़ रुपये की धनराशि राज्य शासन से साझा प्रयासों से प्राप्त की जायेगी।
काम शुरू करने से पहले गति शक्ति पोर्टल एवं सीबीयूडी सॉफ्टवेयर का उपयोग करें
केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बैठक में कहा कि सड़क निर्माण कार्य शुरू करने से पहले गति शक्ति पोर्टल व सीबीयूडी सॉफ्टवेयर का उपयोग अवश्य करें। इस तकनीक के आधार पर एक क्लिक के जरिए पता चल सकता है कि किस सड़क में कौन-कौन से विभाग की लाइनें डाली जानी है। उन्होंने सभी तरह की तारों को एक ही पाइपलाइन में व्यवस्थित करने के लिये भी कहा। ऊर्जा मंत्री तोमर द्वारा सड़कों का निर्माण हो जाने के बाद विभिन्न विभागों की पाइपलाइन डालने के लिये की जाने वाली खुदाई की ओर ध्यान आकर्षित किए जाने पर केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने यह तकनीक अपनाने का सुझाव दिया।
सीवर संधारण कार्य में जवाबदेही निर्धारित हो
शहर की सीवरेज व्यवस्था की समीक्षा के दौरान केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने सीवर प्रबंधन की जवाबदेही तय करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शहर में नगर निगम द्वारा एवं अमृत योजना के तहत डाली गई सीवर लाइनों व चेम्बर इत्यादि का संधारण यथा संभव एक ही कार्यएजेंसी (ठेकेदार) से कराएँ, जिससे जवाबदेही तय हो सके। सिंधिया ने सीवर व पानी की निकासी में बाधा बन रहे नाले व नालियों के अतिक्रमण हटाने पर भी बल दिया।
ऊर्जा मंत्री तोमर ने कहा कि शहर की बड़ी लाइनों की सीवर सफाई साल में कम से कम एक बार अवश्य हो। इसी तरह मोहल्लों की डिस्ट्रीब्यूशन लाइनों की सफाई माह में एक बार अवश्य कराई जाए। उन्होंने शहर के सीवर ट्रीटमेंट प्लांटों को पूरी क्षमता के साथ चलाने की बात भी कही। बैठक में शहर की सीवर संधारण व्यवस्था को मजबूत करने के लिये 3 सुपर सकर मशीन, 14 जेटिंग एवं सक्शन मशीन और 30 डि-सिल्टिंग मशीनों की आवश्यकता बताई गई। इसके लिये लगभग 24 करोड़ रुपये की राशि राज्य शासन से प्राप्त की जायेगी।
जल आपूर्ति की नई परियोजनाएं समयबद्ध तरीके से होंगी पूरी
शहर की जल आपूर्ति को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई। केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने निर्देश दिए कि पेयजल कार्ययोजना को इस प्रकार से मूर्तरूप दें, जिससे शहर के सभी वार्ड संतुष्ट हों। उन्होंने जोर देकर कहा कि पेयजल के नए काम शुरू करने से पहले पूर्व से बने पेयजल सिस्टम को मजबूत करें, जिससे शहर की प्रत्येक बस्ती के हर घर तक पानी पहुँचे।
बैठक में बताया गया कि शहर के सभी वार्डों की पेयजल आपूर्ति के लिये 2332 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई है। इसमें से लगभग 813 करोड़ रूपए की धनराशि अमृत 2.0 के तहत प्रावधानित की गई है। लगभग 459 करोड़ रुपये की चंबल जल परियोजना का कार्य जारी है। साथ ही वार्ड-1 से 60 तक पेयजल व्यवस्था का नेटवर्क सुदृढ़ करने के लिये एक हजार करोड़ की डीपीआर तैयार की गई है। वार्ड-61 से लेकर 66 तक के सभी वार्डों की पेयजल व्यवस्था एवं वार्ड-5, 15, 56, 57, 59 व 60 की कुछ बस्तियों में पेयजल की पुख्ता व्यवस्था के लिये कुल मिलाकर लगभग 875 करोड़ की डीपीआर बनाई गई है।
एलीवेटेड रोड के दोनों चरणों के कामों की भी हुई समीक्षा
ग्वालियर की सबसे बड़ी परियोजनाओं में शामिल एलीवेटेड रोड के प्रथम व द्वितीय चरण के कार्यों की प्रगति की समीक्षा भी केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने बैठक में की। केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि यह परियोजनाएँ ग्वालियर के ट्रैफिक प्रबंधन और शहर की सुंदरता दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं, इसलिए इसका काम निर्धारित फ्लोचार्ट के अनुसार समय-सीमा में पूर्ण कराएँ। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रथम चरण का कार्य हर हाल में अगले साल के मध्य तक और 2027 के मध्य तक द्वितीय चरण का कार्य पूर्ण कराया जाए।
कानून व्यवस्था की भी हुई समीक्षा, नशीले पदार्थ बेचने वालों पर हो कठोर कार्रवाई
बैठक में ग्वालियर शहर व जिले की कानून व्यवस्था की समीक्षा भी की गई। केन्द्रीय मंत्री सिंधिया एवं ऊर्जा मंत्री तोमर ने विशेष अभियान चलाकर ड्रग्स (सूखे नशीले पदार्थ) बेचने वाले आपराधिक तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने बैठक में तुलनात्मक जानकारी देकर बताया कि जिले में पिछले वर्षों की तुलना में अपराधों में प्रभावी कमी आई है। आपराधिक तत्वों के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई की जा रही है।
जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर यातायात व्यवस्था बेहतर बनाएँ
केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न बाजारों के व्यवसाइयों को विश्वास में लेकर शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाएं। उन्होंने कहा कि सभी की सहमति से यातायात की रणनीति तय करें और इसके बाद रणनीति का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर यातायात को बेहतर बनाया जाए। सिंधिया ने तिराहों-चौराहों पर लगे पुराने सीसीटीव्ही कैमरे दुरुस्त करने एवं जरूरत के मुताबिक नए कैमरे लगवाने के लिये भी कहा।
प्रभारी मंत्री सिलावट ने यातायात की चुनौतियों से निपटने के लिये जल्द से जल्द जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करने के लिये पुलिस अधीक्षक से कहा। सामाजिक न्याय मंत्री कुशवाह ने कहा कि यातायात व्यवस्था को बेहतर करने के साथ-साथ इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि दीपावली पर फुटपाथ पर बैठकर व्यापार करने वाले छोटे व्यवसाइयों के हित प्रभावित न हों।
गुणवत्ता से न हो समझौता, अत्यधिक ब्लो टेंडर डालने की प्रवृत्ति रोकें
केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि सड़क, सीवर, पेयजल एवं अन्य विकास कार्यों में गुणवत्ता के साथ कोई समझौता न हो। उन्होंने बैठक में मौजूद मंत्रिगणों, विधायकों एवं अन्य जनप्रतिनिधिगणों के सुझाव पर कहा कि अत्यधिक ब्लो टेंडर डालने से प्रभावित हो रही गुणवत्ता और काम में देरी को रोका जाए। तकनीकी अधिकारियों से प्रमाण-पत्र लेकर इस आशय की कार्रवाई की जाए। मंत्री कुशवाहा ने नगर निगम में निर्माण सामग्री की गुणवत्ता की जाँच के लिये लैब स्थापित कराने का सुझाव दिया। पूर्व सांसद शेजवलकर एवं विधायकगण मोहन सिंह राठौर, सतीश सिकरवार व साहब सिंह गुर्जर समेत अन्य जनप्रतिनिधिगणें ने भी बैठक में उपयोगी सुझाव दिए।
(Udaipur Kiran) तोमर
