
जींद, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिला कारागार में सोमवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जेल लोक अदालत का आयोजन किया गया। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव मोनिका के समक्ष दो मामले विचाराधीन रखे गए। जिसमें से तीन बंदियों को अंडरगोन किया गया। अगर विचाराधीन बंदी पर और कोई मुकद्दमा ना हो तो तीनों कैदियों को रिहा करने का आदेश पारित किया गया।
सीजेएम मोनिका ने जिला जेल का निरीक्षण भी किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कैदियों व हवालातियों को उनके केसों में आ रही मुश्किलों को सुना व समस्याओं के समाधान संबंधी जानकारी दी। इसके अलावा सीजेएम ने जेल में बंद कैदियों से अपील की कि यदि किसी व्यक्ति को अपने केस की पैरवी करने के लिए वकील की जरूरत है, तो वह मुफ्त कानूनी सेवाएं के लिए प्राधिकरण के अधीन वकील की सेवाएं ले सकते हैं।
इस संबंध में जेल प्रशासन के माध्यम से या न्याय रक्षक के माध्यम से लिख कर दरखास्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में भेजनी होती है। उन्होंने बताया कि नालसा हैल्पलाइन नंबर 15100 पर किसी भी प्रकार की कानूनी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आगामी 13 सितंबर को नेशनल लोक अदालत जिला न्यायालय जींद व उपमंडल न्यायालय नरवाना व सफीदों में आयोजित की जाएगी। प्राधिकरण सचिव ने किड्स रूम का भी निरीक्षण किया तथा बच्चों की पढाई के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए तथा कहा कि बच्चों की देखरेख में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा
