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नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत वैज्ञानिक रचनात्मकता और तकनीकी नवाचार के स्वर्णिम दौर से गुजर रहाः डॉ. जितेन्द्र सिंह

डॉ. जितेन्द्र सिंह

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत वैज्ञानिक रचनात्मकता और तकनीकी नवाचार के स्वर्णिम दौर से गुजर रहा है।

पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री के हर बड़े संबोधन में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को राष्ट्रीय विकास का आधार बताया गया है। शुक्रवार को नेशनल मीडिया सेंटर में इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (आईआईएसएफ) 2025 का कर्टन रेज़र लॉन्च करते हुए डॉ जितेन्द्र सिंह ने कहा कि

“विज्ञान का उत्सव है आईआईएसएफ जिसकी इस बार की थीम ‘विज्ञान से समृद्धि – आत्मनिर्भर भारत’ होगी।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि फेस्टिवल की थीम भारत के अगले विकास चरण का प्रतिनिधित्व करती है, जहां प्रौद्योगिकी, नवाचार और स्थिरता मुख्य आधार होंगे।

भारत की आत्मनिर्भरता के लिए जीवन विज्ञान, कृषि, ईंधन, और ऑटोमोबाइल तकनीक जैसे क्षेत्रों में आयात घटाकर स्वदेशी क्षमता बढ़ाना आवश्यक है। 6 से 9 दिसंबर 2025 तक पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में आयोजित होने वाले फेस्टिवल के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि जम्मू, चंडीगढ़ और हिमालयी क्षेत्र की संस्थाएं क्षेत्र-विशिष्ट नवाचार प्रस्तुत करेंगी, जो सतत विकास का मार्ग दिखाएंगी।

डॉ. सिंह ने कहा कि अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (ए एनआर एफ) जैसी पहल विश्वविद्यालयों और राज्यों के संस्थानों को फंडिंग देकर शोध को पारंपरिक बड़े केंद्रों से बाहर ले जाएगी।

भारत की खासियत पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के संगम में है।

उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले आयोजित एसटिक कॉन्कलेव अध्ययन पर केंद्रित था, जबकि आईआईएसएफ प्रेरणा और उत्सव का प्रतीक है। दोनों आयोजन एक-दूसरे के पूरक हैं। डॉ. सिंह ने छात्रों, स्टार्टअप्स और आम नागरिकों से सक्रिय भागीदारी की अपील की। इस फेस्टिवल में वैज्ञानिक प्रदर्शनियां, बिज़नेस-टू-बिज़नेस मीटिंग, प्रतियोगिताएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम

आयोजित किए जाएंगे।

कार्यक्रम में प्रो. रेनू विग (कुलपति, पंजाब विश्वविद्यालय), प्रो. राजेश एस. गोखले (सचिव, जैव प्रौद्योगिकी विभाग), डॉ. एन. कलईसेल्वी (महानिदेशक, सीएसआईआर) सहित कई प्रमुख वैज्ञानिक एवं अधिकारी उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी

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