
–प्राचीन काल से ही काशी अपनी संस्कृति, धर्म, अध्यात्म और विरासत के लिए विश्व भर में रही प्रसिद्ध
वाराणसी, 15 नवम्बर (हि.स. )। प्राचीन संस्कृति, आध्यात्मिक चेतना और ऐतिहासिक विरासत से समृद्ध काशी जिसे दुनिया वाराणसी और ‘बनारस’ के नाम से भी जानती है। अब ये शहर एक बार फिर अपने पुराने वैभव की ओर लौट रहा है। प्रदेश के योगी आदित्यनाथ सरकार के नेतृत्व में चल रहे सतत विकास कार्यों के चलते यह नगरी न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बनी हुई है, बल्कि वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर भी नई चमक के साथ उभर रही है।
साल 2017 में प्रदेश की बाग डोर संभालने के बाद योगी सरकार ने वाराणसी के पर्यटन विकास को प्राथमिकता दी। बीते आठ सालों के दौरान 35,705.07 लाख रुपये की लागत से 79 परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ । इन परियोजनाओं में से कई कार्य पूर्ण हो चुका हैं, जबकि कई पर्यटन विकास कार्यो पर काम तीव्र गति से चल रहा हैं।
काशी के समग्र और सुव्यवस्थित विकास का ख़ाका खींच कर योगी सरकार काशी को विश्व पर्यटन के मानचित्र पर तेजी से उभर रही है। पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार ने बताया कि पिछले करीब 8 सालों में 19219.57 लाख की लागत से 49 पर्यटन के विकास कार्यो को कराया जा चुका है। जबकि 30 पर्यटन विकास के महत्वपूर्ण विकास कार्यों को 16485.5 लाख रूपये की लागत तेजी से कराया जा रहा है।
–19219.57 लाख की लागत से पूर्ण हुए प्रमुख पर्यटन विकास के कार्य
गलियों का शहर कहे जाने वाली काशी की गलियों के सौंदर्यीकरण को आधुनिक तरीके से विकसित किया गया है। घाटों का सौंदर्यीकरण कर श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक बनाया गया है। काशी की चार धाम यात्रा, काशी विष्णु यात्रा, द्वादश आदित्य यात्रा, नव दुर्गा, अष्ट भैरव, नव गौरी, विनायक, द्वादशज्योतिर्लिंग के लिए पावन पथ का निर्माण कार्य, पंचक्रोशी यात्रा के पांच पड़ाव के पर्यटन विकास का कार्य एवं अन्य कई धार्मिक यात्राओं और मार्ग में पड़ने वाले मन्दिरों का विकास, रोहनिया, पिंडरा, शिवपुर आदि क्षेत्रो के ग्रामीण इलाकों में प्राचीन आस्था के केंद्र, मंदिरो, तालाबों, कुंडो आदि का कार्य, सामने घाट एवं रामनगर में शास्त्रीय घाट का पक्के घाट के रूप में निर्माण किया गया। मांर्कण्डये महादेव मंदिर, सारंग नाथ तालाब, शूलटंकेश्वर मदिर गंगा घाट व अन्य मंदिरो और घाटों, सारनाथ में लाइट एंड साउंड शो, बुद्धा थीम पार्क, संत शिरोमणि रविदास के जन्म स्थली पर जन सुविधा के कार्य, क्रूज़ बोट का संचालन, लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट पर पर्यटन सूचना केंद्र, नरसिंह मठ, शंकुलधारा मठ, राजघाट पर चेंजिंग रूम, पिंडरा में माँ भद्रकाली मंदिर का सौंदर्यीकरण आदि कार्य है।
–16485.5 लाख की लागत से प्रमुख से गतिमान पर्यटन विकास के कार्य
पर्यटन विकास योजना के अंतर्गत, जैन तीर्थंकर चंद्रप्रभु की जन्मस्थली चंद्रावती, सारनाथ के सारंग नाथ मंदिर का पर्यटन विकास, मणिकर्णिका घाट सतुआ बाबा आश्रम का पर्यटन विकास एवं सौंदर्यीकरण एवं डोमरी स्थित आश्रम में यात्री निवास, पर्यटन आवास गृह परेड कोठी व राही पर्यटक आवास गृह का उच्चीकरण, मनारी रोड पर सरफेस पार्किंग, संत रविदास पार्क सौंदर्यीकरण व जीर्णोद्धार, तेलियाना घाट पर निषादराज की प्रतिमा, मांडवी कुंड व गणेश मंदिर, हेलीपोर्ट, सात प्रमुख घाटों पर 7 जेटी चेंजिंग रूम, गुरुधाम मंदिर का पर्यटन विकास, थाईवट टेम्पल (बुद्धा स्टेचू ) पर फसाद लाइट, करखियाँव में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पार्क का निर्माण, लमही स्थित मुंशी प्रेमचंद के घर को संग्रहालय के रूप में विकसित करना, बौद्ध परिपथ में साइनेज, नगवा स्थित संत रविदास पार्क का सौंदर्यीकरण एवं जीर्णोद्धार, मांडवी कुंड का सौंदर्यीकरण, संत कबीर प्राकट्य स्थल का पर्यटन विकास आदि पर्यटन विकास के कई कार्य निर्माणाधीन है।
-काशी में पर्यटन विकास पर लोगों की राय
होटल व्यवसायी , विकास अग्रवाल का कहना है कि योगी सरकार ने काशी का चौतरफा विकास कराया है, जिसमें छोटे से लेकर बड़े पर्यटन स्थल का जीर्णोद्धार हुआ है। जिसको देखने के लिए पर्यटक अब अधिक दिन तक काशी प्रवास कर रहे हैं। इससे होटल उद्योग को लाभ हो रहा है।
अभिषेक शर्मा, गवर्मेंट एप्रूव्ड गाइड, यूपी टूरिज्म का मानना है कि पहले पर्यटक श्री काशी विश्वनाथ धाम, घाट ,सारनाथ आदि स्थानों तक सीमित रहते थे, योगी सरकार ने बीते साढ़े आठ सालो में पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से विकास कराया है। इन स्थलों तक आसानी से पहुंचना, अच्छी सुविधा होना और रख-रखाव अच्छा होने से पर्यटकों का आवागमन बढ़ रहा है। इससे काशी के पर्यटन उद्योग को काफी फायदा हों रहा है।
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी