Uttar Pradesh

पथराई नदी में डूबने से चाचा-भतीजे की मौत

घटना स्थल पर उपस्थित प्रशासन के अधिकारी

एक किशोर की सूझबूझ से बची तीसरी जान

झांसी, 2 जुलाई (Udaipur Kiran) । थाना व कस्बा टोड़ी फतेहपुर नगर के मध्य बहने वाली पथराई नदी में बुधवार दोपहर को एक दर्दनाक हादसा हो गया। एक ही परिवार के चाचा और भतीजे की नदी में डूबने से मौत हो गई। हालांकि एक किशाेर की सूझबूझ से नदी में डूब रहे तीसरे व्यक्ति काे बचाया जा सका।

यह हादसा नगर के नजरगंज मुहल्ला निवासी घासीराम पाल (45) और उनके भतीजे अर्जुन (15) के साथ हुआ, जो खेत पर भेड़ चराने गए थे। उनके साथ अर्जुन का बड़ा भाई राहुल (17) भी मौजूद था। घटना उस वक्त हुई जब दोपहर करीब 1 बजे भेड़ों के साथ गई एक भैंस नदी पार चली गई। भैंस को वापस लाने के लिए अर्जुन नदी में उतरा, लेकिन गहरे पानी में बने गड्ढे में फंसकर डूबने लगा। अर्जुन को डूबता देख उसके चाचा घासीराम और भाई राहुल भी उसे बचाने के लिए नदी में कूद पड़े। मगर नदी में जलस्तर अधिक होने और गहराई का अंदाज़ा न होने के कारण घासीराम और अर्जुन दोनों पानी में समा गए। इसी दौरान वहीं पास में खेत पर मौजूद भोला कुशवाहा (14) ने शोर सुनकर स्थिति को भांपा और बिना समय गंवाए नदी में कूद गया। उसने साहस और सूझबूझ का परिचय देते हुए राहुल को डूबने से बचा लिया, लेकिन घासीराम और अर्जुन को नहीं खोज सका।मृतक घासीराम की शादी नही हुई थी। घटना की सूचना मिलते ही आसपास के खेतों में काम कर रहे लोग घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े।

सूचना मिलने पर थाना प्रभारी अतुल कुमार राजपूत मय पुलिस बल के मौके पर पहुंचे और तत्काल गोताखोरों को बुलवाया। करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद गोताखोरों ने दोनों शवों को नदी से बाहर निकाला। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। घटना की जानकारी मिलते ही उपजिलाधिकारी टहरौली गौरव आर्या, नायब तहसीलदार रूवी वर्मा, व राजस्व निरीक्षक अरविंद सिंह भी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण करते हुए दुख जताया और स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की अपील की। उपजिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि नदी किनारे बसे लोगों एवं चरवाहों को जलभराव और नदी के खतरों के प्रति जागरूक किए जाने हेतु एक बड़े स्तर पर अभियान चलाया जाए। मृतकों के घर में कोहराम मचा हुआ है और क्षेत्र में शोक का माहौल है। वहीं किशोर भोला कुशवाहा की बहादुरी की हर ओर सराहना हो रही है, जिसने एक जान बचाकर साहस की मिसाल पेश की।

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(Udaipur Kiran) / महेश पटैरिया

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