गुवाहाटी, 16 सितम्बर (Udaipur Kiran) । गौहाटी हाईकोर्ट ने उमरांग्सो में जारी अवैध ‘रैट-होल’ खनन पर कड़ी आपत्ति जताते हुए मंगलवार को टिप्पणी की कि ऐसे खदान चलाने वालों पर हत्या का मुकदमा चलना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश अशुतोष कुमार ने कहा कि बार-बार चेतावनी और पुराने हादसों के बावजूद खतरनाक खदानें अब भी चल रही हैं, यह प्रशासनिक लापरवाही का गंभीर उदाहरण है। मामला उस जनहित याचिका से जुड़ा है, जिसमें अप्रैल 2025 में 3 किलो इलाके में नौ खनिकों की मौत का मुद्दा उठाया गया था।
सुनवाई के दौरान अदालत ने कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद से जवाब न देने पर सवाल उठाए। वहीं, असम सरकार और डिमा हसाओ प्रशासन ने अपनी-अपनी रिपोर्ट दाखिल की है। महाधिवक्ता देवजीत लोन सैकिया ने अदालत को बताया कि सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अनीमा हजारिका की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग गठित किया गया है, जो जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान करेगा।
पीड़ित परिवारों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि इस हादसे को सिस्टम की नाकामी मानकर टाला नहीं जा सकता। अदालत की टिप्पणियों ने न्याय की मांग को और तेज़ कर दिया है।
इससे पहले डिमा हसाओ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पुलिस को डिमा हसाओ स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य देबोलाल होजाई की पत्नी कनिका होजाई के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। एक विशेष जांच दल (एसआईटी) भी इस प्रकरण की पड़ताल कर रहा है।
मामले की अगली सुनवाई नवम्बर के अंत में होगी। तब तक अदालत की सख्त टिप्पणियों ने जिम्मेदार लोगों को कटघरे में खड़ा करने की मांग को और प्रबल कर दिया है।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
