Madhya Pradesh

दूध उत्पादन में मध्य प्रदेश में उज्जैन बनेगा नम्बर वन : कलावती यादव

दूध उत्पादन में मध्यप्रदेश में उज्जैन बनेगा नम्बर वन : कलावती यादव

उज्जैन, 5 जुलाई (Udaipur Kiran) । शनिवार को इंडियन डेयरी एसोसिएशन पश्चिम क्षेत्र एवं विक्रम विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में, मध्य प्रदेश में डेयरी विकास: संभावनाएं एवं चुनौतियां विषय पर विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में पश्चिम क्षेत्रीय दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी कासमापन हुआ। विवि की ओर से घोषणा की गई कि विवि डेयरी तकनालॉजी में नए पाठ्यक्रम प्रारंभ करेगा। इसीप्रकार निगम अध्यक्ष कलावती यादव ने कहाकि दूध उत्पादन में मध्य प्रदेश में उज्जैन नम्बर वन बनेगा।

निगम अध्यक्ष कलावती यादव ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहाकि जिस प्रकार इंदौर ने स्वच्छता में पहला स्थान प्राप्त किया है, उसी प्रकार उज्जैन दुग्ध उत्पादन में मध्य प्रदेश में शीर्ष पर पहुंचेगा। मालवा क्षेत्र पारंपरिक रूप से पशुपालन और दुग्ध उत्पादन में अग्रणी रहा है। उन्होंने कहा कि मालवा की धरती डग-डग रोटी, पग-पग नीर की तरह ही पशुपालन और दुग्ध उत्पादन में भी समृद्ध रही है। यह हमारी विरासत है और इसका आधुनिकीकरण समय की मांग है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान की तुलना करते हुए कहा कि जैसे स्वच्छता की चेतना देश में आई, वैसे ही अब डेयरी के क्षेत्र में जागरूकता लाना आवश्यक है। श्रीमती यादव ने कहा कि गाय के दूध और घी का उपयोग औषधि की तरह किया जाता रहा है और आज भी इसकी प्रासंगिकता बनी हुई है।

अध्यक्षता कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने की। उन्होंने कहा कि आने वाले पांच वर्षों में राज्य को 25 से 30 हजार डेयरी टेक्नोलॉजिस्ट्स की आवश्यकता होगी। अब यह स्वीकार करना होगा कि हम तकनीकी शिक्षा के इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में अभी पीछे हैं। विक्रम विश्वविद्यालय इस कमी को पूरा करने के लिए तैयार है। इंडियन डेयरी एसोसिएशन पश्चिम क्षेत्र के अध्यक्ष डॉ. जेपी प्रजापति, सचिव जेआर दारूवाला, माधव पडग़ांवकर, डॉ. एसएन शर्मा भी मंचासीन थे। माधव पडग़ांवकर ने बताया कि डेयरी क्षेत्र में तकनीकी निवेश और स्थानीय डेयरी प्लांट्स की स्थापना से मालवा अंचल की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

अतिथि स्वागत प्रो. भारद्वाज ने किया। डेयरी क्षेत्र में योगदान दे रहे स्थानीय उत्पादकों का श्री दारूवाला ने शिखर पदक एवं साफा पहनाकर अभिनंदन किया। डॉ. एसएन शर्मा, डॉ. मुकेश वाणी और प्रो. दारूवाला का भी सम्मान किया गया। आभार डॉ. जे.बी. प्रजापति ने माना।

संगोष्ठी सत्र में मंथन

* प्रमुख वक्ता डॉ. सुधीर उपरित ने नई शिक्षा नीति अन्तर्गत डेयरी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों को रेखांकित किया।

* गुजरात से आए दिव्येश चौहान ने डेयरी टेक्नोलॉजी में प्रशिक्षण की जरूरत पर चर्चा की। डॉ. प्रणाली निकम ने मिल्क एडल्टरेशन और उसकी जांच में प्रयुक्त उपकरणों की जानकारी दी।

* डॉ. जेबी प्रजापति ने कहा कि भगवद्गीता में दूध को अमृत कहा गया है। गाय का दूध वास्तव में अमृत समान है। कैल्शियम टैबलेट भी दूध के साथ लेने पर अधिक लाभकारी होता है। हमारी बॉडी जानती है कि दूध हमारे बचपन का मित्र है।

* एएयू आनंद डेयरी साइंस के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. केडी अपनार्थी ने कहा कि गाय का दूध उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन स्रोत है। जिम करने वालों के लिए अत्यंत लाभकारी है।

* सुरुचि कंसल्टेंट, नई दिल्ली के कुलदीप शर्मा ने कहा कि आज हमें दुनिया को यह साबित करना पड़ रहा है कि गाय का दूध लाभकारी है। डेयरी का हमारे देश में सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्व है।

* डेयरी साइंस महाविद्यालय, रायपुर के डॉ. सारंग दिलीप फोफली ने डेयरी उत्पादन में जोखिम और उनके निवारण पर जोर दिया।

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(Udaipur Kiran) / ललित ज्‍वेल

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