Madhya Pradesh

उज्जैनः महिला कांस्टेबल आरती पाल को अंतिम विदाई…

महिला कांस्टेबल आरती पाल को अंतिम विदाई...

उज्जैन, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के उज्जैन की शिप्रा नदी में शनिवार को हुए कार हादसे में महिला कांस्टेबल आरती पाल का निधन हो गया था। बुधवार सुबह चक्रतीर्थ पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके भाई लोकेंद्र पाल ने मुखाग्नि दी। एडीजी उमेश जोगा, डीआईजी नवनीत भसीन, कलेक्टर रोशन सिंह, एसपी प्रदीप शर्मा ने पुष्पचक्र अर्पित कर नम आंखों से अंतिम विदाई दी।

गौरतलब है कि 6 सितंबर, शनिवार रात उन्हेल थाना प्रभारी अशोक शर्मा, एसआई मदनलाल निनामा और कांस्टेबल आरती पाल की कार शिप्रा नदी में गिर गई थी। अशोक शर्मा का शव रविवार को और मदनलाल निनामा का शव सोमवार को घटनास्थल से करीब तीन किलोमीटर दूर मिला था। कांस्टेबल आरती पाल का शव 68 घंटे बाद मंगलवार को घटनास्थल से लगभग 70 मीटर की दूरी पर गोताखोरों ने ढंूढ निकाला था। बुधवार को चक्रतीर्थ स्थित श्मशान में गार्ड ऑफ ऑनर के बाद आरक्षक का अंतिम संस्कार किया गया। मौके पर मौजूद परिजन और उन्हेल थाने के स्टॉफ के साथ महिला पुलिस अधिकारियों की आंखे नम हो गई थी।

परिवार के साथ खड़ी है सरकारअंतिम संस्कार के बाद कलेक्टर रोशन सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन और राज्य सरकार शोकाकुल परिवारों के साथ खड़ी है। परिवार को हर स्तर पर मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस तरह की दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए गंभीर चर्चा की जा रही है। एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि आरती पाल का परिवार रतलाम का रहने वाला है। परिवार की इच्छा पर अंतिम संस्कार उज्जैन में किया गया। उन्होंने कहा कि यदि परिजन अनुकंपा नियुक्ति की मांग करते हैं तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।

परिजनों ने किया था वादा

आरती पाल सात भाइयों की इकलौती बहन थी। 30 जुलाई को बड़े भाई जितेंद्र पाल का निधन हो गया था। 4 सितंबर को वह अपने घर गई गई थी। उन्होंने दादाजी के श्राद्ध में आने की बात कही और 5 सितंबर की शाम वह ड्यूटी पर लौट गई थी। इधर 6 सितंबर को हादसा हो गया।

वर्ष 2012 में लगी थी नौकरी

आरती पाल की वर्ष 2012 में नौकरी लगी थी। उन्हें पहली पोस्टिंग महाकाल थाने में मिली थी। पिछले चार साल से वह उन्हेल थाने में पदस्थ थीं। आरती का परिवार रतलाम के अरिहंत परिसर में रहता है। पिता अशोक कुमार पाल कलेक्ट्रेट में अधीक्षक पद से रिटायर्ड हैं। मां शीला गृहिणी हैं और भाई लोकेंद्र स्टाम्प वेंडर हैं। बड़े भाई के निधन के बाद अब भाभी नीतू और 12 साल का भतीजा तव्य परिवार के साथ रहते हैं।

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(Udaipur Kiran) / ललित ज्‍वेल

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