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विश्व वास्तुकला दिवस पर उदयपुर को मिली सृजन की सौगात

उदयपुर

‘रंगत–रास्ता री…’ कला उत्सव का अनूठा आगाज

उदयपुर, 6 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । विश्व वास्तुकला दिवस के मौके पर झीलों की नगरी आज रंगों की नगरी के रूप में सजती नजर आई। उदयपुर विकास प्राधिकरण ने अपने नागरिकों को दी है कला की सबसे सुंदर सौगात “रंगत – रास्ता री…”। उदयपुर विकास प्राधिकरण (यूडीए) की पहल और अर्बन स्केचर्स उदयपुर, क्रिएटिव सर्किल तथा ऐसा फॉर यू के सहयोग से शुरू हुआ यह दस दिवसीय कला उत्सव, शहर की सड़कों को बना रहा है खुले आकाश के नीचे सृजन की प्रयोगशाला।

आरटीओ अंडरपास जो अब तक शहर का एक आम रास्ता था,आज एक ओपन-एयर आर्ट गैलरी के रूप में नजर आया। सुबह से ही दर्जनों कलाकारों, स्कूली विद्यार्थियों और नागरिकों ने अपने रंगों से दीवारों को जीवंत कर दिया। कहीं पर गवरी की झलक, कहीं गणगौर की आभा, तो कहीं मेवाड़ी लोक कथाओं के पात्र आकार ले रहे हैं। हर स्ट्रोक में है शहर की पहचान, और हर रंग में छिपी है अपनी संस्कृति की कहानी। अंडरपास की हर दीवार अब एक कहानी कह रही है, कहीं बच्ची के हाथ में ब्रश है, कहीं बुजुर्ग कलाकार अपने अनुभव से रंग भर रहे हैं। दीवारों पर लहराते हैं उदयपुर की झीलें, मंदिरों की परछाइयाँ और लोककला के चटख रंग। यह नज़ारा न केवल सौंदर्य का, बल्कि सामूहिक सृजन का उत्सव है।

आज सुबह यूडीए आयुक्त राहुल जैन ने अंडरपास की एक दीवार पर ब्रश व रंग से एक आकार उकेर कर इस उत्सव का विधिवत आगाज किया। बस फिर क्या था। यूडीए के निदेशक अभियांत्रिकी संजीव शर्मा, नीरज माथुर,अनित माथुर एवं अन्य अतिथियों ने दीवार पर रंग करते हुए इस उत्सव की शुरुआत की। उन्होंने यहां पर जुटे सैकड़ों विद्यार्थियों और युवा कलाकारों के उत्साह को देखते हुए कहा कि यह आयोजन केवल दीवारों को रंगने का नहीं, बल्कि उदयपुर की आत्मा को फिर से जीवित करने का प्रयास है। शहर की सुंदरता तभी पूर्ण होगी जब उसकी दीवारें बोलें, उसकी गलियाँ मुस्कुराएँ, और यह सब कुछ संभव होगा सभी के समन्वित प्रयासों से। उन्होंने अर्बन स्केचर्स और अन्य सहयोगी कला संस्थाओं की पहल को एक नजीर बताया और कहा कि यह पहल शहर को एक नई दिशा देगी।

इस मौके पर आयोजन संयोजक आर्किटेक्ट सुनील एस. लड्ढा ने श्रीफल वधेर कर उत्सव को गति दी तो मौजूद कलाकारों और विद्यार्थियों ने अपनी-अपनी कल्पनाओं को रंगों के सहारे रचना प्रारंभ कर दिया। चित्रकार राहुल माली ने मौके पर ही आयुक्त राहुल जैन का लाइव स्केच बनाकर भेंट किया तो जैन अभिभूत नजर आए और उन्होंने कलाकार के कला कौशल की सराहना की। इस अवसर पर यूडीए के निदेशक अभियांत्रिकी संजीव शर्मा, नीरज माथुर, अनित माथुर, शिल्पकार हेमन्त जोशी, चित्रकार राहुल माली, कमलेश डांगी, शिखा पुरोहित, दिनेश यादव, कृष्णा शर्मा सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी, प्रबुद्धजन और कलाप्रेमी मौजूद रहे।

आर्किटेक्ट सुनील एस. लड्ढा ने कहा कि ‘रंगत–रास्ता री…’ दरअसल एक विचार है कि शहर सिर्फ इमारतों का समूह नहीं होता, बल्कि एक जीवित कैनवास होता है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि लोग सिर्फ दीवारें न देखें, बल्कि उनमें अपनी कहानियाँ खोजें। उन्होंने बताया कि पहले चरण में 5000 वर्ग मीटर क्षेत्र में 50 से अधिक कलाकारों, डिजाइनर्स और विद्यार्थियों द्वारा आर्टवर्क तैयार किया जा रहा है। आने वाले दिनों में यह मुहिम शहर के अन्य सार्वजनिक स्थानों तक भी पहुँचेगी।

विश्व वास्तुकला दिवस के मौके पर अंडरपास में एक प्रेरक इंटरएक्टिव वर्कशॉप भी आयोजित हुई। आर्किटेक्ट सुनील लड्ढा की पहल पर आयोजित हुई इस कार्यशाला में शहर के युवा आर्किटेक्ट्स ने विद्यार्थियों को बताया कि कैसे हर भवन, हर संरचना, एक जीवित कला कृति होती है और वास्तुकला, मनुष्य और प्रकृति के बीच एक संवाद है। उन्होंने पावरपॉइंट प्रस्तुतियों और लाइव स्केच सत्रों के माध्यम से विद्यार्थियों को बताया गया कि डिज़ाइन केवल रेखा नहीं, बल्कि सोच की दिशा है।

यह पहल तभी साकार हो सकी जब कई संस्थाएं एक साथ आईं।यूडीए के साथ वंडर सीमेंट, बिरला ओपस पेंट्स, बीएनआई उदयपुर, आईआईए, आईआईआईडी, यूसीसीआई, उदयपुर ब्लॉग जैसे संस्थान इस अभियान में सहभागी बने। सभी का साझा उद्देश्य उदयपुर को सिर्फ सुंदर नहीं, बल्कि संवेदनशील बनाना।

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(Udaipur Kiran) / अखिल

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