Uttar Pradesh

लखनऊ से आए दो युवक चुना दरी में डूबे, सेल्फी लेने के चक्कर में गई जान

चुना दरी मे बरामद शव को लेकर आती पुलिसः

— बारह वर्षों में 31वीं डूबने की घटना, मृतक के परिजन ने हत्या की जताई आशंका

मीरजापुर, 30 जून (Udaipur Kiran) । लिखनिया दरी के निकट चुनादरी में रविवार को हुए हादसे में डूबे दो युवकों के शव सोमवार को गोताखोरों ने बरामद कर लिए। लखनऊ से पिकनिक मनाने आए चार युवकों में से दो अंकित दूबे (23) और भानू प्रताप मौर्य (25) सेल्फी और फोटो खींचने के दौरान फिसलकर गहरे पानी में डूब गए थे। यह घटना उस वक्त घटी जब वे लोकप्रिय पर्यटक स्थल लिखनिया दरी में प्राकृतिक जलप्रपात के नीचे नहा रहे थे।

सोमवार सुबह बालू घाट चुनार से बुलाए गए गोताखोरों राकेश साहनी और रोहित साहनी की मदद से दोनों शवों को करीब नौ बजे पानी से बाहर निकाला गया। इसके बाद शवों को तीन किलोमीटर पैदल ढोकर लिखनिया दरी रोड लाया गया, जहां से पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

चारों युवक शनिवार को लखनऊ से वाराणसी आए थे और वहां एक होटल में रात बिताने के बाद रविवार को दो किराए की बाइकों से मीरजापुर के प्राकृतिक स्थल लिखनिया दरी पहुंचे। मृतक अंकित लखनऊ के कैलाशपुरी गीता पल्ली, थाना आलमबाग निवासी था और भानू मौर्य लखीमपुर खीरी के महाराज नगर, थाना धरहरा से था। दोनों युवक एमएसडब्ल्यू की पढ़ाई पूरी कर मेडिकल कॉलेज लखनऊ से जुड़े एक एनजीओ में कार्यरत थे।

बचे हुए दोनों साथियों आयुष गुप्ता और अमित वर्मा ने बताया कि वे यू-ट्यूब और गूगल पर देखकर इस स्थल पर घूमने आए थे। वहां पहले से नहा रहे लोगों को देखकर वे भी पानी में उतरे और वीडियो बनाने लगे। इसी दौरान अंकित का पैर फिसला और उसे बचाने में भानू भी डूब गया। उन्होंने बताया कि बचाने की बहुत कोशिश की गई, लेकिन कोई सफल नहीं हुआ। बाद में वे खुद पैदल चलकर पुलिस तक पहुंचे और सूचना दी।

परिजन का आरोप, हत्या हुई है

इस बीच, मृतक अंकित के भाई विजय दूबे ने सनसनीखेज आरोप लगाया है। उन्होंने साथियों पर साजिशन हत्या का शक जताते हुए मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। उनका कहना है कि मेरे भाई को लखनऊ से बहला-फुसलाकर यहां लाया गया और सुनियोजित तरीके से पानी में डुबोकर हत्या कर दी गई। इस आरोप के बाद पुलिस ने दोनों बचे साथियों को हिरासत में ले लिया है और पूछताछ जारी है।

बारह वर्षों में 31वीं डूबने की घटना

गोताखोर राकेश साहनी के मुताबिक वह 2013 से लगातार चुना दरी क्षेत्र में डूबे लोगों के शव निकालते आ रहे हैं और अब तक कुल 31 शव निकाल चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में गहरे जलकुंड हैं जो सामान्य नजर से दिखाई नहीं देते, जिससे हर साल हादसे होते हैं।

लिखनिया दरी अस्थायी रूप से बंद

इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद पुलिस ने तत्काल प्रभाव से लिखनिया दरी क्षेत्र को अस्थायी रूप से पर्यटकों के लिए बंद कर दिया है। एसआई अमरनाथ यादव ने बताया कि चुना दरी की घटना के बाद सुरक्षा कारणों से यहां आमजन के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। पीएसी बल तैनात रहेगा और किसी को भी जल क्षेत्र में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा

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