CRIME

गाजियाबाद में मानव तस्करी करने वाले गिरोह की दो महिलाएं व पुरुष गिरफ्तार

गिरफ्तारी की जानकारी देते एसीपी
बरामद शिशु

-गिरोह में डॉक्टर, नर्स और चैरिटी कार्यकर्ता शामिल, पूरे नदेश में फैला गिरोह का नेटवर्क

गाजियाबाद, 7 अगस्त (Udaipur Kiran) । थाना ट्रॉनिका पुलिस ने गुरुवार को मानव तस्करी करने वाले ऐसे गिरोह का खुलासा किया है,जो अस्पताल से नवजात शिशुओं को चुराकर ऑन डिमांड बेच देता है। पुलिस ने इस इस गिरोह की दो महिलाओं व दो पुरुषों को गिरफ्तार किया है। इसमें खासबात यह है कि

इस गिरोह का नेटवर्क उत्तर प्रदेश ,जम्मू-कश्मीर,नेपाल में भी है। गिरोह में डॉक्टर, नर्स और चैरिटी कार्यकर्ता भी शामिल हैं । जो अनचाहे गर्भधारण वाली युवतियों को अपने बच्चे बेचने के लिए राजी करते हैं तथा कुछ मामलों में, हाल ही में बच्चे को जन्म देने वाली गरीब महिलाओं के बच्चे चुरा लिए जाते हैं। फिर माताओं को बताया जाता है कि उनके बच्चे प्रसव के दौरान मर गए। जब महिलायें अपने मृत शिशुओं को देखने की माँग करती हैं उन्हें चुप रहने के लिए रुपये देते हैं। मानव तस्करी करके काला-बाजारी ,काफी मोटी रकम अवैध धन अर्जित करते हैं।

एसीपी सिद्धार्थ गौतम ने बताया कि पूजा कालोनी निवासी राशिद के नवजात शिशु का अपहरण कर लिया गया था। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जाँच पड़ताल की और

मैनुअल इनपुट, सीसीटीवी फुटैज के आधार पर पहचान के बाद नावेद , अफसर अली उर्फ अलफाज निवासी अंसार मस्जिद के पास, संध्या निवासी अंकित विहार पचैडा रोड थाना नई मण्डी जनपद मुजफ्फरनगर तथा स्वाती उर्फ साइस्ता पत्नी वसीम निवासी डंगडूगरा थाना कांधला जनपद शामली को खडखडी स्टेशन लोनी के पास से गिरफ्तार किया गया।

आरोपी अफसर ने पूछताछ पर बताया कि वह मूलरूप से जनपद शामली का रहने वाला है। पाँच माह पहले लोनी प्रेमनगर में किराये पर रहता था । वहीं पर इसकी दोस्ती नावेद अंसारी नाम के लडके से हुयी,लोनी से मकान खाली करके पूजा कालोनी में किराये पर लेकर रहने लगा और नीचे मुर्गे की दुकान करता था । साँवन का महीना चलने के कारण मीट की दुकान पूर्ण रूप से बन्द रहने के कारण पैसे की जरूरत के लिये अफसर ने अपने दोस्त नावेद अंसारी को अपनी दुकान पर बुलाया और पडोस में रहने वाले राशिद के नवजात शिशु का अपहरण कर बाहर बेचने की योजना बनायी । गैंग में महिलाओ को इसलिये रखते हैं कि ये दिखायी दे कि हम बच्चो के माँ-बाप हैं। बच्चे ना रोये ना चिल्लाये। योजना के अनुसार अपने साथी स्वाती उर्फ साइस्ता पत्नी वसीम निवासी डंगडूगरा थाना कांधला जनपद शामली से नवजात शिशु को बेचने के लिये सम्पर्क किया । स्वाती उर्फ साइस्ता पत्नी वसीम निवासी डंगडूगरा थाना कांधला जनपद शामली ने नवजात शिशू को बेचने के लिये अपनी दोस्त संध्या पत्नी सौरव चौहान निवासी अंकित विहार पचैडा रोड थाना नई मण्डी जनपद मुजफ्फरनगर से बात की और अपने साथी अफसर से नवजात शिशु का फोटो मांगा और फोटो अपने साथी कथित महिला मुजफ्फरनगर को भेज दिया । संध्या पत्नी सौरव चौहान निवासी अंकित विहार पचैडा रोड थाना नई मण्डी जनपद मुजफ्फरनगर ने बताया मैंने फोटो को अपने नेटवर्क के साथी दिल्ली, बिजनौर, मुरादाबाद, रूडकी , अमरोहा आदि पार्टियो को भेजा गया। फोटो देखकर मुरादाबाद की पार्टी जो प्राइवेट नर्सिंग होम में मुरादाबाद में नर्स के साथ ढाई लाख रूपये में नवजात शिशु की डील हुयी । अगले दिन संध्या पत्नी सौरव चौहान निवासी अंकित विहार पचैडा रोड थाना नई मण्डी जनपद मुजफ्फरनगर ने बताया कि अचानक मुरादाबाद पार्टी बाहर जाने के कारण इन्तजार करने को बोला है परन्तु कोई नहीं दूसरी पार्टी अमरोहा से बात हो गयी है उसके साथ नवजात शिशू की डेढ लाख में डील हो गयी है। चूँकि गोरी चमड़ी वाले नवजात शिशु की मांग अधिक करते हैं तथा सांवले नवजात बच्चे व बच्चियो की मांग कम होती है और पैसे भी कम मिलते हैं। यह बच्चा गोरा व सुन्दर है पसन्द आ गया है परन्तु डेढ लाख रूपये ही दे रहे हैं। क्योकि तत्काल में पैसा कम मिलता है। हमारे इस गैंग ने नवजात शिशु का कोड वर्ड प्लाट रखा हुआ था।

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(Udaipur Kiran) / फरमान अली

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