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सिख दंगा : जगदीश टाइटलर के खिलाफ दो गवाहों ने दर्ज कराए अपने बयान

राऊज एवेन्यू कोर्ट

नई दिल्ली, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में सोमवार को 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा मामले में दो गवाहों के बयान दर्ज किए गए। स्पेशल जज जीतेंद्र सिंह ने मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त को करने का आदेश दिया। जगदीश टाइटलर के वकील अनिल शर्मा ने दोनों गवाहों का क्राॅस-एग्जामिनेशन किया।

साेमवार काे सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दो गवाहों कुलवंत कौर और तेजिंदर सिंह के बयानों को दर्ज किया। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि एक गवाह हरविंदर जीत सिंह की मौत हो चुकी है। इससे पहले 12 जुलाई को गवाह हरपाल कौर बेदी के बयान दर्ज किए गए थे। हरपाल कौर बेदी ने आरोपित जगदीश टाइटलर की कोर्ट में पहचान की थी। हरपाल कौर बेदी ने कहा था कि जगदीश टाइटलर की ओर से जान से मारने की धमकियां मिली जिसकी शिकायत उन्होंने पुलिस से की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हरपाल कौर ने घटना वाले दिन का वाकया बताते हुए कहा था कि पुलबंगश गुरुद्वारे पर जगदीश टाइटलर आया और उसने भीड़ को उकसाया। टाइटलर के उकसाने के बाद भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया और तीन सिखों को मार डाला।

हरपाल कौर बेदी ने बताया था कि गुरुद्वारे के पास उनकी टीवी की होलसेल की दुकान थी। उस दुकान को भीड़ ने लूटा। जब बेदी ने अपने घर से निकलकर देखा तो भीड़ दुकान को लूट रही थी। इसके बाद भीड़ ने गुरुद्वारा में आग लगा दी। शाम को भीड़ आयी और तिलकराज के घर में छिपे सिखों को निकालकर काट डाला और छत से नीचे फेंक दिया। सिखों की हत्या करने के बाद उनके शव रेहड़ी पर डाले और उस पर टायर डालकर आग लगा दी। हरपाल बेदी ने कहा कि उनके पति अमरजीत बेदी भी कांग्रेस के नेता थे और टाइटलर उनकी दुकान पर आता था, जिसकी वजह से उन्होंने टाइटलर को पहचान लिया।

कोर्ट ने 9 जुलाई को गवाह रविंद्र सिंह चौहान का बयान दर्ज किया था। 16 मई को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके का क्राॅस एग्जामिनेशन किया गया था। 18 मार्च को फोरेंसिक विभाग के सीनियर साइंटिफिक अफसर अमितोष कुमार के बयान दर्ज के बयान दर्ज किए गए थे।

इस मामले की शिकायतकर्ता लखविंदर कौर का क्राॅस-एग्जामिनेशन 12 नवंबर, 2024 को किया गया था। लखविंदर कौर ने कहा था कि ग्रंथी सुरेंद्र सिंह ने उन्हें बताया कि उनके पति बादल सिंह को गुरुद्वारा पुलबंगश के पास भीड़ ने हत्या कर दी। जगदीश टाइटलर उस भीड़ को उकसा रहे थे और कह रहे थे कि सिखों को मार दो, उजाड़ दो, गुरुद्वारा को आग लगा दो।

टाइटलर ने राऊज एवेन्यू की ओर से आरोप तय करने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है, जो अभी लंबित है। हाई कोर्ट ने 11 नवंबर, 2024 को राऊज एवेन्यू कोर्ट में ट्रायल की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा चलेगा। कोर्ट ने 30 अगस्त, 2024 को टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 149, 153A, 188, 109, 295, 380, 302 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान जगदीश टाइटलर के वकील मनु शर्मा ने कहा था कि सीबीआई ने इस मामले में दो क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। उन्होंने कहा कि 2009 में सह आरोपित सुरेश कुमार पानेवाला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी, जिसे ट्रायल कोर्ट ने बरी कर दिया। वकील ने कहा कि 1984 से 2022-23 तक इस मामले में कोई गवाह नहीं था। इतने लंबे समय बाद बनाए गए गवाहों पर भरोसा कैसे किया जा सकता है। 4 अगस्त, 2023 को राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने जगदीश टाइटलर को अग्रिम जमानत दी थी। कोर्ट ने 26 जुलाई, 2023 को जगदीश टाइटलर के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था।

सीबीआई ने इस मामले में टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 109 और 302 के तहत आरोप तय किये हैं। सीबीआई के मुताबिक टाइटलर ने भीड़ को उकसाया था, जिसके बाद भीड़ ने पुलबंगश के गुरुद्वारे में आग लगा दी थी।

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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी

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