
जयपुर, 8 सितंबर (Udaipur Kiran) । आतंकवाद निरोधक दस्ता राजस्थान जयपुर (एटीएस ) ने ऑपरेशन ‘डेविल लॉयन’ एवं ऑपरेशन ‘टंडन अभियान के तहत कार्रवाई करते हुए लंबे समय से फरार इनामी दो शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है। जिन पर पचास हजार रुपये का इनाम घोषित था। फिलहाल आरोपितों से पूछताछ की जा रही है
एटीएस पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) विकास कुमार ने बताया कि एटीएस टीम ने वर्ष 2017 से फरार सर्वोदय आपरेटिव सोसायटी में निवेश करने के नाम पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले इनामी आरोपित शैलेंद्र सिंह और ऋषि राज राठौड़ को गिरफ्तार किया है और दोनों ही आरोपित गांव गिरवा जिला बाडमेर हाल सिरोही जिला सिरोही के रहने वाले हैं। यह लोग झोटवाड़ा थाना इलाके में पहचान छिपा कर होम्योपैथिक डॉक्टर बन कर रहे थे। दोनों आरोपितों के पिता देना बैंक में कर्मचारी थे । जो इस केस में गिरफ्तार भी हो चुके हैं। दोनों बदमाशों पर जालोर पुलिस अधीक्षक की ओर से 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। पिछले 8 साल से दोनों बदमाश पुलिस को चकमा देकर फरारी काट रहे थे। इन दोनों बदमाशों पर 30 से भी अधिक मामले दर्ज हैं। इन दोनों ने कम समय में पैसे दोगुने करने का झांसा देकर लोगों की मेहनत के करोड़ों रुपये लूट लिए थे।
जांच पड़ताल में सामने आया कि बदमाशों ने वर्ष 2009 में सर्वोदय आपरेटिव सोसाइटी सिरोही, पाली व जालोर में खोली। इन लोगों ने कुल 28 शाखाओं से यह शुरू किया था। लेकिन सोसायटी के द्वारा वर्ष 2012-13 से निवेशकों को मूल राशि व लाभ देने से मना कर दिया। जिस पर सर्वादय ऑपरेटिव सोसायटी के पदाधिकारियों पर लोगों ने केस करना शुरू कर दिया। इसके बाद से एटीएस की टीम अवैध पैसों के हवाला कारोबार पर पिछले कुछ समय से नजर बनाए हुए थी। एटीएस टेरर फंडिंग की संभावना को लेकर इस प्रकार से हवाला कारोबार पर नजर रखती हैं। ऐसे ही किसी डील के तार झोटवाड़ा इलाके में पहुंचते की सूचना मिलने पर टीम को एक्टिव किया गया। जांच हुई तो तार को ऑपरेटिव सोसाइटी के सूत्रधारों के गुप्त निवास तक पहुंचे। पेश से होम्योपैथिक डॉक्टर शैलेन्द्र सिंह ठगी के धंधे का सूत्रधार बनने व करोड़ों रुपये के बाद पुलिस की नजर से बचने के लिए डॉक्टरी के पेशे में रहकर अपनी पहचान छिपाया बैठा था। लगभग 4-5 दिनों से एटीएस की टीम झोटवाड़ा इलाके में घूम कर इन अपराधियों के छिपने के स्थान की पहचान करने में जुटी थी। शैलेंद्र सिंह के होम्योपैथिक का डॉक्टर होने व मेडिकल केम्पों में जाने का पता चलने पर एटीएस टीम ने इलाज के लिए सम्पर्क किया। एटीएस की टीम डॉक्टर शैलेंद्र सिंह से इलाज के बहाने झोटवाडा स्थित एमडी रेजीडेंसी में उसके फ्लैट पर मरीज बनकर पहुंची व ऋषिराज व शैलेन्द्र सिंह को धर दबोचा।
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(Udaipur Kiran)
