गुवाहाटी, 02 सितम्बर (Udaipur Kiran) । गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच) में 18 अगस्त को नवजात शिशु की मौत के मामले में असम सरकार ने कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की है।
घटना की जांच में गड़बड़ी और रिकॉर्ड में हेरफेर पाए जाने पर वरिष्ठ डॉक्टर डॉ. अनुपमा डेका, डॉ. दिपांकर हजारिका, डॉ. पूजा, नर्स-इन-चार्ज गोमती देवी, आईसीयू तकनीशियन ईशानज्योति तालुकदार और स्टाफ नर्स चंदना नाथ समेत कुल सात कर्मचारियों को छह माह के लिए निलंबित कर दिया गया है।
इसके अलावा, बाल रोग विभाग के दो पीजी प्रशिक्षु—द्वितीय वर्ष के डॉ. हृषिकेश ठाकुरिया और प्रथम वर्ष की डॉ. पूजा को गंभीर कदाचार, कर्तव्य की उपेक्षा और रिकॉर्ड में हेरफेर के आरोप में श्रीमंत शंकरदेव यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज ने छह माह के लिए रस्टिकेट कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि चार दिन पहले जन्मे शिशु को संक्रमण और पीलिया के इलाज के लिए भर्ती किया गया था, लेकिन उसे एनआईसीयू में मेडिकल उपकरणों की तारों से लटका पाया गया। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने अस्पताल का निरीक्षण कर लापरवाही की पुष्टि की थी और सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा था, “मैंने खुद देखा कि लापरवाही थी। एक बच्चा मर गया। नर्सें खुद मां हैं, वे इस दर्द को और गहराई से समझ सकती हैं।”
अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई सरकार की जवाबदेही तय करने और मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता का हिस्सा है।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
