ऊना, 08 अगस्त (Udaipur Kiran) । क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में ड्यूटी के दौरान शराब सेवन मामले से पूरे स्वास्थ्य महकमे की किरकिरी करवाने वाली दोनों स्टाफ नर्सों पर सस्पेंशन की गाज गिरी है। स्वास्थ्य विभाग के निदेशक ने दोनों महिला स्वास्थ्य कर्मियों को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए है। एक स्टाफ नर्स को सस्पेंड कर उसका हेडक्वार्टर सीएचसी नालागढ़ फिक्स किया गया है। जबकि दूसरी स्टाफ नर्स को सस्पेंड कर उसका हेडक्वार्टर आरएच बिलासपुर फिक्स किया गया है। दोनों स्टाफ नर्सों को बिना अनुमति के हेडक्वार्टर न छोडऩे की भी हिदायत जारी की गई है।
निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हिमाचल प्रदेश ने अपने आदेश में दोनों स्टाफ नर्स के ड्यूटी के समय शराब का सेवन करने व अनुचित व्यवहार करने का कड़ा संज्ञान लिया। उन्होंने इसे अनुचित व्यवहार करार दिया। वहीं, रोगियों के जीवन को भी रिस्क पर डालने व अपने प्रोफेशनल एथिक्स को भी दरकिनार करने की सख्त टिप्पणी कार्यालय आदेशों में की।
गौरतलब है कि क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में 5 अगस्त 2025 को रात के समय ड्यूटी पर तैनात दो स्टाफ नर्सों ने न केवल शराब का सेवन किया, बल्कि नशे की हालत में अनुचित व्यवहार करते हुए ट्रेनी नर्सों व अन्य स्टाफ को परेशानी में डाला। वहीं, अस्पताल में दाखिल रोगियों के जीवन को भी रिस्क में डाल दिया। दोनों स्टाफ नर्सों के इस अनुचित व्यवहार को अगले दिन कुछ प्रभावशाली लोगों ने स्थानीय स्तर पर हस्तक्षेप कर निपटाने का प्रयास किया, लेकिन उक्त घटना के सार्वजनिक होने के साथ ही स्वास्थ्य महकमे की जमकर फजीहत हुई।
वहीं 7 अगस्त को इस मामले में दोनों स्टाफ नर्स के नशे में धुत्त होने के बाद अनुचित व्यवहार की लिखित में शिकायत क्षेत्रीय अस्पताल प्रबंधन को दी।
वहीं, ऊना सदर विधानसभा क्षेत्र के विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने भी इसे बेहद गैर जिम्मेदाराना व्यवहार करार देते हुए स्वास्थ्य महकमे के साथ-साथ प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए दोषी स्टाफ कर्मियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। राजनीतिक व सामाजिक दबाव बढऩे के बाद स्वास्थ्य महकमा भी इस घटनाक्रम को लेकर हरकत में आया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने क्षेत्रीय अस्पताल ऊना के एमएस से पूरे मामले को लेकर जबाव तलबी की। जिसके बाद एमएस ने इस घटनाक्रम की विस्तृत प्राथमिक रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग शिमला को भेजी। स्वास्थ्य महकमे ने प्राथमिक रिपोर्ट के आधार पर पूरे मसले को गंभीर अनुशासनहीनता व गैर जिम्मेदाराना व्यवहार मानते हुए दोनों स्टाफ नर्स के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई अमल में लाते हुए तत्काल प्रभाव से दोनों को सस्पेंड कर उन्हें सीएचसी नालागढ़ व आरएच बिलासपुर हेडक्वार्टर फिक्स कर दिया।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजीव वर्मा ने कहा कि स्वास्थ्य निदेशक ने दोनों स्टाफ नर्स को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड के आदेश जारी किए हैं। संबंधित कर्मियों को इस बावत सूचित कर दिया गया है तथा उन्हें तत्काल ड्यूटी से सस्पेंड करते हुए उनके नए हेडक्वार्टर में रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।
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(Udaipur Kiran) / विकास कौंडल
