
शिमला, 30 सितंबर (Udaipur Kiran News) । हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला में जातिसूचक टिप्पणियों और प्रताड़ना से जुड़े दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं। पहला मामला शिमला जिले के रोहड़ू थाना क्षेत्र में दर्ज हुआ है। पुलिस के अनुसार मामला अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3(1)(r) के तहत दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता पिंकू (32) पत्नी यशपाल मूल निवासी गांव पार्सा डाकघर लोअरकोटी, तहसील व थाना रोहड़ू इस समय सामोली स्थित बसेंदर महंत बिल्डिंग में किराये पर रह रही हैं। वहां अन्य किरायेदार भी रहते हैं। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि 28 सितम्बर को शाम लगभग साढ़े छह से सात बजे के बीच उसी बिल्डिंग में रहने वाली सुषमा नामक महिला ने पानी की टंकी छूने को लेकर उन्हें जातिगत आधार पर अपमानित किया और अपशब्द कहे। यह विवाद कथित रूप से पहले से चल रहे जातिगत मतभेद से जुड़ा हुआ बताया गया है। मामले की जांच पुलिस द्वारा की जा रही है।
दूसरा मामला किन्नौर जिले की निवासी ठाकुर मणि नेगी (60) की शिकायत पर रामपुर थाने में दर्ज हुआ है। इसे लेकर बीएनएस की विभिन्न धाराओं एवं एससी-एसटी एक्ट की धारा 3(1)(s) के तहत दर्ज किया गया। शिकायतकर्ता का कहना है कि वह एनएबीएआरडी बैंक से एजीएम पद से सेवानिवृत्त हैं और इस समय अपने बेटे डॉ. रोहित नेगी के साथ रामपुर के डॉक्टर कॉलोनी, खनेरी में रह रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ऊना निवासी राजत शर्मा और उनकी पत्नी पायल शर्मा लगातार उन्हें और उनके बेटे को परेशान कर रहे हैं। आरोप है कि आरोपितों ने जातिगत टिप्पणियां करते हुए उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई और धमकी दी कि यदि उन्होंने कोई कानूनी कार्रवाई की तो उन पर झूठा केस बनवाकर बेटे की नौकरी तक खतरे में डाल देंगे। शिकायत में यह भी कहा गया है कि आरोपितों ने गाली-गलौज कर शारीरिक नुकसान पहुंचाने की धमकी दी।
दोनों मामलों में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया है कि मामले गंभीर प्रकृति के हैं और निष्पक्ष जांच के बाद आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
—————
(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
