
शिमला, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में तबाही मचा चुके मॉनसून का कहर जारी है और कई हिस्सों में शुक्रवार को भी झमाझम बारिश हुई। राजधानी शिमला में भी धुंध के साथ हल्की वर्षा हुई। आने वाले दो दिन मॉनसून जोर पकड़ेगा और लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
मौसम विभाग ने अगले दो दिन लगातार भारी वर्षा की चेतावनी दी है। इसे लेकर 10 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार 13 व 14 सितंबर को हमीरपुर, बिलासपुर, ऊना, कांगड़ा, कुल्लू, सोलन, शिमला, चंबा, सिरमौर और मंडी जिलों में गरज व आसमानी बिजली कड़कने के साथ भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है। इस दौरान लोगों को सतर्क रहने खासतौर पर नदी-नालों से दूर रहने व इसके बाद 15 से 18 सितंबर तक मॉनसून की रफतार मंद रहने के आसार हैं। इस अवधि में राज्य के अधिकांश इलाकों में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना जताई गई है।
मौसम विभाग के अनुसार बीते 24 घंटों के दौरान मंडी में सर्वाधिक 60 मिलीमीटर बारिश हुई। इसके अलावा सुंदरनगर में 50, गग्गल में 40, जोगेंद्रनगर में 30, धर्मशाला, कसौली में 20-20 मिमी बारिश दर्ज की गई। राज्य में अभी भी कई स्थानों पर भूस्खलन से सड़कें अवरूद्व हैं। साथ ही बिजली व पेजयल की आपूर्ति बाधित है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार शुक्रवार शाम तक प्रदेश में तीन नेशनल हाइवे व कुल 500 सड़कें बंद रहीं। इनमें कुल्लू जिले में एनएच-03 और एनएच-305 व 174 सड़कें, मंडी में 133, शिमला में 48, कांगड़ा में 45, चंबा में 30 और ऊना में एनएच-503ए व 19 सड़कें अवरुद्ध हैं। इसके अलावा प्रदेश में 953 बिजली ट्रांसफार्मर और 336 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। इनमें सबसे ज्यादा 539 ट्रांसफार्मर कुल्लू, 250 मंडी और 149 चंबा में बंद पड़े हैं, जबकि पेयजल योजनाओं में कांगड़ा में 176, शिमला में 73 और मंडी में 52 प्रभावित हुई हैं।
इस मानसून सीजन ने प्रदेश को भारी तबाही दी है। अब तक 380 लोगों की मौत हो चुकी है और 40 लोग लापता हैं, जबकि 447 लोग घायल हुए हैं। जिला स्तर पर सर्वाधिक 61 मौतें मंडी जिले में दर्ज की गई हैं। इसके अलावा मकानों, दुकानों और गौशालाओं को भी व्यापक नुकसान हुआ है। प्रदेश में अब तक 1,280 मकान पूरी तरह ढह गए हैं और 5,469 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 480 दुकानें और 5,762 गौशालाएं भी नष्ट हो चुकी हैं। पशुधन को भी भारी नुकसान पहुंचा है, जिसमें 1,983 पशुओं और 26 हजार से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत शामिल है।
प्रारंभिक आकलन के मुताबिक अब तक प्रदेश को 4,313 करोड़ रुपये की सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान हो चुका है। इस दौरान प्रदेश में 137 भूस्खलन, 97 फ्लैश फ्लड और 45 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
