
ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म की आड़ में साइबर ठगी करने वाले दो गिरफ्तार
पे-टीएम बॉक्स की शुल्क माफी की लालच में दुकानदार से उड़ाते थे पैसा
बिहार और वाराणसी के रहने वाले हैं दोनों गिरफ्तार ठग
ऑनलाइन खाता खोलने के आड़ में भी ग्राहकों को रहे थे लूट
भदोही, 20 सितंबर (Udaipur Kiran) । भदोही पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगों के गिरोह का भांडाफोड़ किया है। दुकानदार ग्राहकों से लेन-देन के लिए अक्सर डिजिटल सुविधा पेटीएम का उपयोग करते हैं । उसी के माध्यम से यह गिरोह ठगी कर रहा था। इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर किया है, जबकि कुल चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।गिरफ्तार आरोपित ठगों के पास से फोन पे साउंड बॉक्स, दो पेमेंट क्यूआर कोड, स्टैंड पेटीएम क्यूआर, कार्ड सात डेबिट कार्ड बरामद किया गया है । इसके साथ ही आधार कार्ड बरामद किया गया है जिसमें जन्मतिथि व नाम अलग-अलग फोटो एक ही व्यक्ति का है।
अपर पुलिस अधीक्षक शुभम अग्रवाल ने पुलिस लाइन ज्ञानपुर में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि जनपद के दुर्गागंज थाने के हरिकरनपुर गांव निवासी राहुल कुमार ने साइबर थाना दुर्गागंज में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी टी स्टाल की दुकान है जहां पर दो बाइक सवार आए । पेटीएम का मासिक शुल्क माफ करने की लालच देकर 21000 रुपए की ठगी करके भाग गए। शिकायत मिलने के बाद पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुड़ गई।
अपर पुलिस अधीक्षक शुभम अग्रवाल ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली कि ठगी करने वाले दो व्यक्ति वाराणसी से मिर्जापुर होते हुए औराई की तरफ जा रहे हैं जिस पर पुलिस ने गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की तो पकड़े गए व्यक्तियों ने अपना नाम विशाल ओझा निवासी निराला नगर, महमूरगंज, वाराणसी एवं दूसरे प्रकाश पाठक निवासी न्यू एरिया डेहरी, पाठक भवन, बिहार बताया।
गिरफ्तार साइबर ठगों ने बताया कि हम लोग ऑनलाइन बैंक खाता खुलवाते हैं जिसमें केवाईसी वेरीफिकेशन नहीं होता है। केवल फेस वेरिफिकेशन होता है जिसके कारण मेरा दस्तावेज वहां जमा नहीं होता। फिर इस बैंक खाते में फ्रॉड का पैसा मंगा लेते हैं, क्योंकि उसमें रिटर्न का ऑप्शन होता है। यह बात दुकानदार को पता ही नहीं चलती।
ठगों ने बताया कि दुकानदार के पास जाते हैं, उसका पेटीएम बॉक्स साउंड एवं फोन पे-टीम साउंड बॉक्स का शुल्क माफ करने का झांसा देते हैं, फिर उससे मोटी रकम अपने खाते में स्थानांतरित करवा लेते हैं। उसे भरोसा दिलाने के लिए उसके क्यूआर कोड पर पैसे वापस कर देते हैं फिर उसके फोन में रिफंड की सेटिंग कर पैसा खुद के खाते में वापस करा लेते हैं। बाद में पैसे को किसी सीएससी या किसी दुकान पर जाकर अपनी इमरजेंसी बता अपनी फर्जी आईडी दिखाकर उनके खाते में पैसा पेटीएम फोन पे या अन्य से भिजवाकर नगद पैसा ले लेते हैं।आरोपित ठगों ने बताया कि कुछ दिन पहले विशाल और अंकित दुबे बाराबंकी में जाकर लगभग 48,525 रुपए का फ्रॉड किए थे । उसके बाद पैसा आपस में बांट लिया गया। चंद्रेश भी हम लोगों के साथ जनपद मऊ और बिहार राज्य में भी जाकर फ्रॉड किए थे। अंकित और चंद्रेश के खाते में भी कई बार फ्राड का पैसा लिया गया था, जिसकी शिकायत ऑनलाइन 1930 पर लोगों ने कर दिया था। जिसके कारण इन लोगों के कई खाते बंद हो चुके हैं। पुलिस ने आरोपी दोनों ठगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिए हैं जबकि वंचित दो अन्य लोगों की तलाश जारी है।
(Udaipur Kiran) / प्रभुनाथ शुक्ल
