
उमरिया, 1 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में जितनी बाघों की संख्या बढ़ रही उतने ही यहां मौतों का आंकड़ भी रह-रह कर सामने आ रहा है। पार्क प्रबंधन को पता ही नहीं कि कोर जोन में बाघों का अवैध शिकार कैसे हो रहा है।
यह तो मुखबिर से सूचना मिलने पर इनको पता चला कि हरदुल बैगा के घर में नाखून और दाँत सहित दो निचले जबड़े रखे हैं, तब पार्क की टीम एक्टिव हुई और छापा मार कार्रवाई की उसके बाद खुलासा होना शुरू हुआ, हालांकि पार्क प्रबंधन ने थोड़ी सी जानकारी देकर अपनी पीठ थपथपा ली और अपने आप को अवैध शिकार मामले में एक्टिव बता दिया, जबकि हकीकत यह है कि ग्राम रोहनिया से लगे कोर जोन में कुछ वन्य जीव एवं लकड़ी तस्कर इन सबके पीछे हैं और जितने भी लोग पकड़े गये हैं वो सभी उनके मोहरे हैं, यदि पार्क प्रबंधन सघनता और सूझबूझ से उनकी भी तलाश करे तो बहुत बड़ा वन्य जीव तस्कर गिरोह पकड़ा जायेगा।
वहीं उप संचालक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व ने बताया कि ग्राम रोहनिया से सटे बेहरहा क्षेत्र में स्थित एक बोरवेल में तलाशी के दौरान वन्यजीव अवशेष, बरामद किए गए है जिसमें त्वचा सहित अन्य शारीरिक अंग शामिल है। वन्यजीव अंगों को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 50 के अंतर्गत विधिवत जब्त कर सरकारी अभिरक्षा में लिया गया है। सभी बरामद अवशेषों के नमूने एकत्रित कर फॉरेंसिक प्रयोगशाला भेजे गए हैं, ताकि उनकी प्रमाणिकता एवं संबंध की पुष्टि की जा सके। इस प्रकरण की गहन जाँच जारी है। अब तक इस मामले से जुड़े दो फरार आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में आज प्रस्तुत किया जा रहा हैं।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम प्रभु बैगा पुत्र भागदीन बैगा (34), चेतराम अगरिया पिता सुखराम अगरिया (37) है दोनों निवासी ग्राम रोहनिया है। प्रकरण में सम्मिलित सभी आरोपियों के विरुद्ध वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धाराओं 9, 27, 39, 44, 50, 51 एवं 52 के अंतर्गत विधिसम्मत कार्रवाई की जा रही है ।
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(Udaipur Kiran) / सुरेन्द्र त्रिपाठी
